दलित टाइम्स डेस्क। दलितों के साथ भेदभाव-उत्पीड़न को लेकर अपेक्षाकृत शांत माना जाने वाला उत्तराखण्ड जिसे देवभूमि भी कहा जाता है, आये दिन चर्चा का केंद्र बना रहता है। हालिया मामला पिथौरागढ़ जनपद के एक दलित युवक की संदिग्ध हालत में हुई मौत से जुड़ा हुआ है, जिसे परिजन हत्या करार दे रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि सवर्ण जाति के युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके सीधे—साधे बच्चे की हत्या कर दी और पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर दिया, मगर एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के बावजूद अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। परिजनों को अभी तक गणेशराम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दी गयी है।
इस मामले में मृतक युवक को न्याय दिलाने के लिए उत्तराखंड भीम आर्मी सक्रिय हो चुकी है। भीम आर्मी के कुमाउं प्रभारी गोविंद बौद्ध ने सोशल मीडिया के माध्यम दलित युवक गणेश राम की संदिग्ध मौत को हत्या बताते हुए अपील की है, ‘मुनस्यारी में हुई गणेश राम की निर्मम हत्या के मामले अभी तक पिथौरागढ़ पुलिस प्रशासन द्वारा किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसके खिलाफ 18 जनवरी को पिथौरागढ़ में आंदोलन किया जायेगा। सभी लोग न्याय की लड़ाई में भीम आर्मी का साथ दें और 18 जनवरी की सुबह 10 बजे धरनास्थल पिथौरागढ़ पहुंचें।’
भीम आर्मी के कुमाउं प्रभारी गोविंद बौद्ध एक वीडियो जारी कर कहते हैं, ‘दलितों की हत्याओं पर पिथौरागढ़ प्रशासन का रवैया निंदनीय है। एसपी पिथौरागढ़ आरोपियों को निर्दोष ठहरा रहे हैं। गोविंद बौद्ध कहते हैं, ये लोकतंत्र है और इसमें अधिकारों की बात होगी, इसलिए हम न्याय के लिए लड़ेंगे और गणेश राम को न्याय दिलायेंगे। एसपी खुद न्याय की कुर्सी पर बैठकर आरोपियों को निर्दोष बता रहे हैं, वह उन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे।’
दलित टाइम्स से हुई बातचीत में भीम आर्मी के पिथौरागढ़ अध्यक्ष शेखर कोहली इस मामले में पुलिस की भूमिका पर ही सवाल उठाते हैं। वह कहते हैं एससी/एसटी एक्ट के तहत हुई एफआईआर के बाद 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए, मगर घटना के दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। गरीब पृष्ठभूमि से आने वाला गणेश राम पिथौरागढ़ कॉलेज का छात्र था और समय मिलने पर मजदूरी करके अपने परिवार को आर्थिक सहयोग करता था।
शेखर कोहली आगे कहते हैं, सवर्ण जाति से आने वाले आरोपी उमेद सिंह की नजदीकी सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से है, वह कई कार्यक्रमों में साथ दिखायी देता है, हो सकता है ये एक बड़ा कारण हो कि पुलिस उस पर हाथ डालने से बच रही हो। पिथौरागढ़ एसपी और मामले की जांच करने वाले अधिकारियों का कहना है कि गणेश राम की मौत गिरने के कारण हुई है, जबकि उसके कपड़े बिल्कुल भी अस्त—व्यस्त नहीं थे, यहां तक कि पैरों में पहने शॉक्स भी जस के तस थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि किसी ने हत्या कर उसे वहां पर फेंक दिया हो।’ परिजनों का भी आरोप है कि गणेश राम की हत्या की गयी है।
शेखर कहते हैं, पुलिस की भूमिका इसलिए भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि परिजनों को अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। उन्हें रिपोर्ट के लिए जगह—जगह भटकाया जा रहा है। बकौल शेखर कोहली, एसपी पिथौरागढ़ कहते हैं, ‘मुझे लगेगा तो जेल में डालूंगा, नहीं लगेगा तो नहीं डालूंगा।’
मृतक युवक गणेश राम के पिता हयात राम का आरोप है कि उमेद सिंह ने मेरे बच्चे गणेश राम को अपने साथ ले जाकर उसकी हत्या कर दी। फिर मामले को दबाने के लिए मेरे घर पहुंचे। मैं दलित जाति से ताल्लुक रखता हूं और हत्यारे सवर्ण वर्ग से आते हैं। इसलिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये।
मृतक गणेशराम के पिता की तरफ से पुलिस के पास दर्ज करवायी गयी एफआईआर में लिखा गया है, ‘मैं एक अनुसूचित जाति का व्यक्ति हूँ, जो पिथौरागढ़ के मुनस्यारी ब्लॉक उमली (गिरगाव) में रहता हूँ। मेरा नाग हयात राम S/O गुमानी राम है। दिनांक 03/01/2024 को मेरे भानिज लालूराम पुत्र हर राम उमली गांव में कुष्मा देवी के यहां मजदूरी कर रहे थे। मेरा बेटा गणेश राम दिन के समय 10 से 11 बजे के बीच वहां पहुँचा। उसने लालू को आवाज लगाई कि लालू सामान लेने ऊपर आ। जब लालू सामान लेने ऊपर गया, तो वहाँ पर सिलेण्डर बिस्तर—उतारा हुआ था। मेरे बेटे गणेश राम ने लालू को मच्छी दिखाते हुए कहा कि उमेद सिंह पुत्र राम सिंह और मैं पार्टी करने T.RC जा रहे हैं। फिर दोनों हंसते हुए बोलेरो गाड़ी जिसमें बृर्थिफॉल लिखा था, ड्राइवर उमेद सिंह और गणेश उसमें बैठकर चले गए। बाद में 2 बजे के बीच गणेश का फोन लालू के आया, काम में व्यस्त होने के कारण लालू फोन नहीं उठा पाया। फिर शाम को 5 से 6 बजे के आसपास लालू ने गणेश को दुबारा फोन किया, तो गणेश ने फोन नहीं उठाया। लालू उसे बाद लगातार गणेश को 10 बजे तक फोन करता रहा। दूसरे दिन सुबह 7.00 से 8 बजे लालू ने फोन किया तो उसका फोन स्वीच आफ आया। जब मेरे भाई बहादुर राम पुत्र गुमानी राम ने जांच पड़तजाल की तो उन्हें गणेश के बारे में कुछ पता नहीं चला। फिर मेरे भाई ने मेरी बेटी जानकी देवी को फोन किया कि गणेश तुम्हारे घर तो नहीं है, मगर वो वहां भी नहीं था। 3 जनवरी से बेटा घर नहीं लौटा था। मैं पैदल ही उसे खोजने जा रहा था तो आधे रास्ते में मेरी बेटी जानकी और दामाद मिले और हम साथ आ गये। तभी मेरे भाई का फोन बेटी के पास आया कि गणेश मिल गया है, बेटी को घर भेज और तू ग्डयार आ जा। यहां गणेश चट्टान से गिरा हुआ है। जब मैं वहाँ पहुँचा तो मेरे बेटे का शव चट्टान के नीचे पड़ा हुआ था।’
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गणेशराम के पिता की तरफ से दर्ज करवायी गयी एफआईआर के मुताबिक 4 जनवरी की शाम 5 बजे वहाँ पुलिस पहुँची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। फिर 5.01.2024 को पोस्टमार्टम हुआ और 5 तारीख की रात में गणेश राम का अंतिम संस्कार किया। गणेश राम के पिता के मुताबिक बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद मैंने सभी से कहा कि मैं कल एफआईआर करने पुलिस के पास जाऊंगा। दूसरे दिन यानी 06/01/2024 को सुबह 9 से 10 बजे उमेद सिंह S/O राम सिंह, गोकरण सिंह S/O राम सिंह, भगत सिंह S/O गोकरण सिंह और चन्दा देवी W/O उमेद सिंह, लछिमा देवी W/O गोकरण सिंह मेरे घर आये। उन्होंने मुझसे कहा, मरने वाला मर गया, तू FIR क्यों कर रहा है। चुपचाप समझौता कर ले। जब उन्होंने ये बात कही तब मेरे साथ मौके पर बहादुर राम, रूप राम, दीपक राम, राहुल राम समेत कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे।
भीम आर्मी के कुमाउं प्रभारी गोविंद बौद्ध ने सोशल मीडिया के माध्यम दलित युवक गणेश राम की संदिग्ध मौत को हत्या बताते हुए अपील की है, ‘मुनस्यारी में हुई गणेश राम की निर्मम हत्या के मामले अभी तक पिथौरागढ़ पुलिस प्रशासन द्वारा किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसके खिलाफ 18 जनवरी को पिथौरागढ़ में आंदोलन किया जायेगा। सभी लोग न्याय की लड़ाई में भीम आर्मी का साथ दें और 18 जनवरी की सुबह 10 बजे धरनास्थल पिथौरागढ़ पहुंचें।’
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