आज BSP सुप्रीमों मायावती का जन्मदिन है। अपने जन्मदिन पर आज बहन मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। इसके अलावा उन्होंने लोकसभा चुनाव अकले ल़ड़ने का भी ऐलान कर दिया।
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जातिवादी और छोटी सोच:
BSP प्रमुख मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर लखनऊ में कहा, “पार्टी से जुड़े लोग 15 जनवरी, मेरे जन्मदिन के अवसर को ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाते हैं। उत्तर प्रदेश में हमारी 4 बार की सरकार के दौरान, हमने दलितों, मुसलमानों, गरीबों सहित समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम किया। हमारी सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं की नकल अन्य पार्टियों की सरकारें कर रही हैं। लेकिन यह पार्टियां अपने इस लक्ष्य में कामयाब नहीं हो पा रहीं हैं। वजह इनकी जातिवादी और छोटी सोच है।“
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सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में रोज़गार:
केंद्र और राज्य की सरकारे गरिबों और दलितों को बेरोजगारी, महँगाई से मुक्त करने के बजाय उन्हें फ्री में थोड़ा सा ऱाशन देकर अपना गुलाम, लाचार और मोहताज बनाया हुआ हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे BSP सुप्रीमों कहती हैं कि उत्तरप्रदेश में हमारी चार बार सरकार रही है। हमारी सरकार के दौरान हमने गरीबों और दलितों को गुलाम, लाचार मोहताज न बनाकर उन्हें सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में रोज़गार की गारंटी देकर काफी हद तक इन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया है। साथ ही हमनें दलितों और गरीब लोगों को मान सम्मान से जीने का अधिकार प्रदान किया है जो हमें आज कहीं पर भी होता नज़र नहीं आ रहा है।
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अखिलेश पर करारा हमला:
BSP सुप्रीमों ने यह भी कहा कि आज की वर्तमान सरकार धर्म और संस्कृति के सहारे अपनी कमियों पर पर्दा डाल रहीं हैं तो ऐसे में हमारा संविधान खतरे में है। ऐसी स्थिति में हमारा संविधान और लोकतंत्र मजबूत नहीं बल्कि कमज़ोर होगा। इस मौके पर BSP सुप्रीमों ने अपने पुराने सहयोगी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। इनसे बचकर रहना चाहिए।
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BSP अकेले चुनाव लड़ेगी:
मायावती ने कहा कि “विरोधी पार्टियों की सरकारों के चलते दलितों का पूरा विकास नहीं हो सकता है। देश में एससी-एसटी और अन्य वर्गों को सरकारी नौकरियों में दिए जाने वाले आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य मामलों में भी दयनीय स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर जिस प्रकार से सपा मुखिया ने बीएसपी के लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से गिरगिट की तरह रंग बदला है, उससे बहुजन लोगों को सावधान रहना है। मायावती ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने पर साथ वाली पार्टी को ही फायदा होता है, इसलिए बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी।
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सभी धर्मों की समानता:
मायावती ने कहा, “मुझे अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है, लेकिन किसी अन्य काम में व्यस्त होने के कारण मैंने कोई निर्णय नहीं लिया है। हम 22 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम का स्वागत करते हैं, हम भी बाबरी मस्जिद को लेकर भविष्य में होने वाले किसी भी कार्यक्रम का स्वागत है। हम सभी धर्मों की समानता की विचारधारा में विश्वास करते हैं।”
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पार्टी को मजबूत करने के लिए काम:
BSP सुप्रीमों ने यह भी कहा कि, “हाल ही में मैंने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसके बाद मीडिया में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मैं राजनीति से संन्यास ले सकती हूं। मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैं राजनीति में बनी रहूंगी। पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना है।’मैं अंतिम समय तक पार्टी के लिए काम करती रहूंगी”।
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