डॉली चायवाला दलित समुदायों के बीच उद्यमशीलता की क्षमता के उदय को दर्शाता है। ऋण तक कम पहुंच, सामुदायिक नेटवर्क की कमी और पारिवारिक अभिविन्यास दलित समुदायों के लिए व्यवसाय को लगभग असंभव बना देता है। डॉली चायवाला इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे दलित व्यवसाय में सफल हो सकते हैं, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो…
प्रेमा नेगी की टिप्पणी
Who is Dolly Chaiwala : आजकल सोशल मीडिया पर एक दलित चायवाला युवक डॉली छाया हुआ है और इसका कारण है उनकी चाय। जी हां, दलित जाति से ताल्लुक रखने वाले डॉली चायवाला ने अपनी खास चाय पिलायी है दुनिया के सबसे अमीर इंसान बिल गेट्स को। बिल गेट्स को चाय पिलाने का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, मगर असल सवाल जाति का है। अनुसूचित जाति के तमाम लोग गर्व के साथ कहने लगे हैं कि जिन दलितों के हाथ का पानी पीने में भी जातिवादी शर्म महसूस करते हैं, राजस्थान में एक दलित बच्चे की शिक्षक हत्या तक कर देता है, अब उसी वर्ग से आने वाले युवा के हाथ की चाय दुनिया का सबसे अमीर इंसान न सिर्फ पीता है, बल्कि उसके बारे में लिखता है और उसकी जमकर तारीफ करता है। दुनिया का यह अमीर शख्स सिर्फ उसका हुनर देखता है, न कि जाति।
गौरतलब है कि दलित जाति के डॉली चाय वाले का अंदाज और स्वाद दोनों सबसे जुदा हैं, जिस कारण यहां आने वाले लोग खुद को इसके पास आने से नहीं रोक पाते। महाराष्ट्र के नागपुर में डॉली चायवाले की अलग पहचान है। डॉली चायवाला दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा वक्त से सिविल लाइन नागपुर के पास चाय की टपरी लगाता है। जो भी डॉली के टी स्टॉल पर एक बार चाय पीता है, उसकी तारीफ किये बिना नहीं रहता, उसके अंदाज और स्वाद दोनों की याद अपने साथ लेकर जाता है।
बिल गेट्स ने 28 फरवरी को अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से डॉली चायवाले के साथ वाला वीडियो शेयर किया है। वीडियो में बिल गेट्स चाय की चुस्कियां लेते नजर आ रहे हैं। वीडियो की शुरुआत में बिल गेट्स को एक कप चाय का ऑर्डर देते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में दिखाया गया है कि डॉली अपने अनोखे अंदाज से चाय बनाने के लिए दूध और फिर चाय पत्ती, अदरक और इलायची डालते हैं और फिर एक कप चाय बिल गेट्स की तरफ बढ़ा देते हैं। बिल गेट्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए ‘डॉली चायवाला’ की तारीफ में लिखा, “भारत में हर जगह ‘इनोवेशन’ मिल सकता है…एक साधारण सी चाय बनाने की तैयारी में भी!”
डॉली चायवाला अपनी टपरी पर ग्राहकों को चाय रजनीकांत स्टाइल में पेश करते हैं। डॉली का अपने ग्राहकों का स्वागत करने का अंदाज भी अनूठा है, जिसके कारण ग्राहक इनकी तरफ खिंचे चले आते हैं। और ग्राहकों की तरह दुनिया का सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स भी डॉली के अंदाज पर फिदा हुए बिना नहीं रह पाये।
अपनी छोटी-सी चाय की टपरी से डॉली चायवाला काफी अच्छी कमाई कर लेता है और इसका कारण है उसका जुदा अंदाज। डॉली कहते हैं, कई सेलिब्रिटीज उनके अंदाज और स्वाद से प्रभावित हो चुके हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर डॉली चायवाला के काफी चर्चे रहते हैं, और इस पर वह काफी रील बनाते हैं।
मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक डॉली चायवाला हर रोज सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक चाय बेचता है। उसकी एक कप चाय की कीमत मात्र 7 रुपये से शुरू है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक डॉली चायवाला हर दिन 350 से 500 कप चाय बेचता है। सोशल मीडिया पर डॉली चायवाला के नाम से फेमस इस चायवाले का असली नाम सुनील पाटिल है, जो 1998 में जन्मा था।
बिल गेट्स को चाय पिलाने के बाद डॉली मीडिया से हुई बातचीत में कहते हैं, ‘मुझे बिल्कुल भी आइडिया नहीं था कि मैं बिल गेट्स को चाय पिला रहा हूं… मैंने सोचा कि वह विदेश से आया कोई शख्स है इसलिए मुझे उसे चाय पिलानी चाहिए। अगले दिन जब मैं नागपुर वापस गया तो मेरी नजर ‘मैंने किसको चाय पिलाया’ पर पड़ी। सोशल मीडिया पर लोग बातें कर रहे थे। सब कह रहे थे कि मैंने बिल गेट्स को चाय पिलाई है। मैंने तो उनसे (बिल गेट्स) बिल्कुल भी बात नहीं की, वह मेरे पास ही खड़े थे और मैं अपने काम में बिजी था। मैं साउथ की फिल्में देखता हूं और वहीं से मैंने स्टाइल सीखी है…आज मुझे लग रहा है कि मैं ‘नागपुर की डॉली चाय’ बन गया हूं। मैं भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाय पिलाना चाहता हूं।”
बिल गेट्स को चाय पिलाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक नया दलित और जाति विमर्श भी शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया पर आरक्षण को लेकर खासे सक्रिय रहने वाले दलित आईआरएस अधिकारी नेत्रपाल कहते हैं, ‘डॉली चायवाला दलित समुदायों के बीच उद्यमशीलता की क्षमता के उदय को दर्शाता है। ऋण तक कम पहुंच, सामुदायिक नेटवर्क की कमी और पारिवारिक अभिविन्यास दलित समुदायों के लिए व्यवसाय को लगभग असंभव बना देता है। डॉली चायवाला इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे दलित व्यवसाय में सफल हो सकते हैं, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो। डॉली चायवाला के लिए सम्मान…’
सविता कुमारी अपने हैक्स हैंडल पर लिखती हैं, ‘बिल गेट्स शायद ही जानते हों कि जिस डॉली चायवाला को वो सम्मान दे रहे हैं उनके पूर्वजों के साथ इस देश के ब्राह्मणवादियों ने क्या-क्या अमानवीयता नहीं किया है और आज भी कर रहे हैं। ब्राह्मणवाद की काट पूँजीवाद में है।’
एडवोकेट अरविंद्र प्रताप लिखते हैं, ‘जो बाबा साहब को जानेगा उसको दुनिया जानेगी। उदाहरण आपके सामने है माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक अमेरिका के बड़े बिजनेसमैन बिल गेट्स “डॉली चायवाला” से मिले इसकी छोटी सी दुकान पर चाय की चुस्की ली और फोटो भी लिया और वो वीडिओ देखते ही देखते पूरी दुनिया में वायरल हो गई। “बधाई हो डॉली चायवाला” जी आपको।’
दलित अधिकार कार्यकर्ता निर्देश सिंह कहती हैं, ‘बिल गेट्स नहीं जानते कि यह भारत के अछूत हैं। ये बीमारी तो भारत के ही लोगो मे संक्रमित है। यहां लोगो के दिमाग मे जाति नाम की गंदगी की भरमार है।’
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
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