उत्तरप्रदेश में एक बार फिर धार्मिक अनुष्ठान में दलितों का शामिल होना सवर्णो को नागवार गुज़रा। मामला आगरा की फतेहपुर सीकरी का है। जहाँ रविवार 14 मई को सवर्णों ने दलित समाज के लोगों को चंदा देने के बाद भी हवन करने से रोक दिया। यह हवन सनातन संस्कृति धाम पर 2 मई से किया जा रहा था। जिसके लिए दलितों से पहले तो चंदा लिया गया लेकिन जब दलित समाज के लोग यज्ञ में पहुंचे और आहूति देने के लिए वेदी पर बैठे तो जातवादियों के अंदर का ब्राह्मणवाद जाग उठा और इन जातिवादियों ने दलितों को आहूति देने से रोक दिया। यहीं नहीं यज्ञ में दलितों के आने पर सवर्णों को इतना गुस्सा आया कि सभी यज्ञ छोड़ बीच में ही उठ गए और कहने लगे कि इन दलितों को यज्ञ में शामिल होने से रोक दिया जाए वरना सवर्णों में से कोई भी इस यज्ञ में शामिल नहीं होगा।
हद तो तब हो गई जब दलित समाज से चंदा लिए जाने के बावजूद उन्हें यज्ञ में शामिल होने से मना किया गया औऱ जब दलितों ने सवाल किया कि उन्हें क्यों यज्ञ में शामिल नहीं होने दिया जा रहा तो सेवा ट्रस्ट के तरफ से यह जबाव दिया गया कि, वह हवन नहीं कर सकते, क्योंकि दलितों को यज्ञ करने का अधिकार नहीं है। ये वहीं लोग हैं जो मांगते वक्त जाति नहीं पूछते लेकिन जब बात बराबरी देने की आती है तो सबसे पहले पूछते हैं कि हाँ भाई बताओं की तुम कौन जात..? और जब जाति पता चलती है तो मनुस्मृति का ज्ञान पेलने लगते है कि तुम दलित हो औऱ दलितों को हवन करने का अधिकार नहीं है।
जातिवादियों की इस हरकत का दलित समाज के लोगों ने भी मुँह तोड़ जवाब दिया। दलित समाज के महेंद्र सिंह, साहब सिंह, चंद्रपाल सिंह, राम सिंह और शरद कुमार समेत कई लोगों सवर्णों को जवाब देते हुए यज्ञ की वैदी पर ही धरना शुरू कर दिया। जिसके बाद सवर्ण दलितों के हवन करने का और ज्यादा विरोध करने लगे। लेकिन दलित समाज को लोग तस से मस नहीं हुए। हालांकि इस बहस को दौरान दलित समाज और सवर्ण समाज के बीच कुछ देर हंगामा भी हुआ। जिसकें बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवावाया। और करीब ढाई घंटे बाद पुलिस की मौजूदगी में दलित समाज के लोगों ने हवन संपन्न किया।
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