उत्तर प्रदेश में एक दलित युवक से जबरन घर में काम करवाने से इनकार करने पर दबंगों ने उसे और उसके परिवार को जातिसूचक गालियां देकर बुरी तरह पीटा। युवक का सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया गया और धार्मिक नारे लगवाए गए। पुलिस पर समझौते का दबाव बनाने और आरोपी का साथ देने के आरोप लगे हैं। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सैकड़ों लोग डीएम के पास पहुंचे और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में जातिगत उत्पीड़न का एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। खागा कोतवाली क्षेत्र के बहलोलपुर ऐलई गांव में दबंगों ने दलित युवक शिवबरन पासवान और उसके परिवार पर हमला कर उनकी गरिमा को तार-तार कर दिया। शिवबरन से जबरन अपने घर में काम करवाने की मांग की गई और इनकार करने पर उसे और उसके परिवार को जातिसूचक गालियां देते हुए बेरहमी से पीटा गया। दबंगों ने यहीं नहीं रुके, बल्कि शिवबरन का सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया और धार्मिक नारे लगवाने के लिए मजबूर किया।
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पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल, समझौते का दबाव और धमकी
इस अमानवीय घटना के बाद पीड़ित ने जब पुलिस से मदद मांगी, तो स्थानीय थाना पुलिस ने न्याय दिलाने के बजाय समझौता करने का दबाव बनाया। पीड़ित का आरोप है कि बीट इंचार्ज ने भी उसके और उसके परिवार के साथ बदसलूकी की। दबंग रोहित दीक्षित ने पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी और पुलिस ने पूरी घटना पर पर्दा डालने की कोशिश की।
सैकड़ों दलितों का प्रदर्शन, डीएम से इंसाफ की गुहार
शनिवार को शिवबरन पासवान के साथ पासी कल्याण समिति के सैकड़ों सदस्य जिला मुख्यालय पहुंचे और डीएम को शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन दबंगों के पक्ष में काम कर रहे हैं और पीड़ित को न्याय से वंचित करने की साजिश रच रहे हैं।
दलितों पर बढ़ता उत्पीड़न और प्रशासन की चुप्पी
यह घटना उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता का ताजा उदाहरण है। दबंगों द्वारा 50-60 लोगों के साथ मिलकर किए गए इस बर्बर हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जातिगत भेदभाव और हिंसा अब भी समाज में गहरी जड़ें जमा चुकी है। पीड़ित परिवार को गांव छोड़ने की धमकी दी गई, जिससे उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
वीडियो वायरल, आरोपी अब भी फरार
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। हालांकि, पुलिस अब तक आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। यह मामला केवल एक व्यक्ति या परिवार का नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज के सम्मान और अधिकारों का सवाल है।
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न्याय की उम्मीद और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस घटना ने समाज और प्रशासन के दोहरे मानदंडों को उजागर कर दिया है। दलित समुदाय के लोग अब एकजुट होकर अपनी आवाज उठा रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि प्रशासन इस मामले में तत्परता से कार्रवाई करे और दोषियों को कड़ी सजा दे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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