Up news: तीन महिनों से दलित बच्ची को स्कूल से भगा रही थी टीचर, कहा चमार औऱ छोटी जाति के बच्चों को नहीं पढ़ाउंगी..

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अक्सर देखा जाता है कि बच्चे पढ़ाई से दूर भागते हैं उन्हें खेलने कूदने के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता लेकिन यूपी का आलम ये हैं कि जो बच्चा पढ़ना चाहता है उसे स्कूल से ही भगा दिया जाता है। मामला गोण्डा के कर्नलगंज के टेंगनहा के प्रथमिकी स्कूल का है।

हालिया मामला यूपी के गोण्डा ज़िले का है। जहां एक दलित (अनुसूचित जाति) बच्ची सोनिया का आरोप है कि उसकी शिक्षिका पूजा सिंह उसे पढ़ाने से मना करती हैं। वह जब भी स्कूल जाती है तो शिक्षिका पूजा सिंह उसे स्कूल से भगा देती है। उसके साथ जुलाई से यही सिलसिला चल रहा है। वह जब भी स्कूल जाती है तो पूजा सिंह सोनिया से कहती है कि वह चमार और छोटी जाति के बच्चों को नहीं पढ़ाउंगी।

क्लास में नहीं बैठने दूंगी: 

सोनिया की आप बीती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वहीं सोनिया के पिता भगवान प्रसाद की वीडियो भी सोशल मीडिया पर मौजूद है। उनका कहना है कि कई बार स्कूल गए हैं लेकिन शिक्षिका पूजा सिंह ने उनकी एक नहीं सुनी। उल्टा कहने लगी कि आपकी बेटी को क्लास में नहीं बैठने दूंगी और ज़्यादा तिया पांच की तो पुलिस को बुलाऊंगी और कहूंगी की मुझे मारने आएं हैं।

माता-पिता को भी दी जातिसूचक गालियां:

पीड़ित ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी पत्र लिखा था। अधिकारी ने उनसे कहा कि वो बेटी को लेकर स्कूल जाए और और पूजा सिंह से मेरी बात कराएं लेकिन पूजा सिंह ने अधिकरी से बात नहीं की। वहीं दलित बच्ची के माता-पिता भगवान प्रसाद और ग्याना देवी को भी जातिसूचक गालियां देते हुए स्कूल से बाहर निकल दिया।

साभार : दलित टाइम्स

फिलहाल अधिकारी ने शिक्षिका को तलब किया है। अधिकारी ने जांच के लिए टीम का भी गठन किया है। हालांकि पूजा सिंह का कहना है कि वह अपना कर्तव्य सही रूप में निभा रहीं है। उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं।

सपा ने उठाया मुद्दा: 

बात यूपी की हो और राजनीतिक दल पीछे रह जाए ये तो हो नहीं सकता। जाने माने मीडिया समूह द्वारा कवर की गई न्यूज़ की फ़ोटो को पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हेंडल से लिखा गया “योगी जी मदरसों के सर्वे से फुरसत मिल गयी हो तो आपके कलंकित कार्यकाल में शुरू हुई इस जातीय उत्पीडन की कुप्रथा पर भी ध्यान दीजिए। जिसे बढ़ावा देने के लिए आप कुख्यात हो चुके हैं।“

लेकिन समाजवादी पार्टी के इस ट्वीट का विरोध करने के लिए कुछ लोग मानो उतावले ही बैठे थे। एक के बाद एक ट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी को ही निशाने पे ले लिया गया। एक ट्वीटर यूज़र प्रेम प्रकाश सिंह ने लिखा, “जातियों में बाँटने का काम सपा की मानसिकता हो साकती हैं। योगी सरकार हर वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा एवं उच्च व्यवस्थाओं का समुचित कार्य प्रदेश में कर रहीं हैं जो आप सब को नहीं दिखेंगी।  एक और यूज़र रावी सोनी ने बच्ची को ही झूठा कह दिया लिखा कि, “एक विधानसभा में कितने सरकारी विद्यालय होते है जाकर उनको देख लीजिए। ये बच्ची झूठ बोल रही है, दिखाओ समाजवादी सरकार में ऐसा कही हुआ है तो।”

तो वहीं एक यूज़र ने बड़ी ही आत्मीयता के साथ वर्तमान सरकार पर अपना जताते हुए लिखा, “वो टीचर आपके ही सरकार में बना है योगी जी जातिवाद के सख्त खिलाफ है उस मामले का जाँच अवश्य होगा अगर दोषी पाया जाता है तो आप विश्वास रखिये कार्यवाही अवश्यहोगी हमें अपने मुख्यमंत्री योगी जी पर पोइरा भरोशा है आपकी तरह नहीं है जो सिर्फ जाती और धर्म देखकर न्याय देता हो।”

बहरहाल, मुद्दा कोई भी हो राजनीतिक पार्टियाँ राजनीति कर ही लेती हैं। लेकिन असल मुद्दा सोनिया का और उसके जैसे बाकी बच्चो का है जो पढ़ना चाहतें है और आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन कुछ लोगो की जातिवादी औऱ मनुवादी सोच उन्हें ऐसा नहीं करने देती।

 

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