उत्तर प्रदेश में दर्जनों गरीब और दलित महिलाओं को दो पादरियों द्वारा एक धर्म सभा में ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। जब इस घटना की जानकारी हिंदू महासंघ और राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी के पदाधिकारियों को मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंच गए।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के मुहरिया इलाके में एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय समुदाय में गहरा हड़कंप मचा दिया है। यहां की एक गली में कुछ पादरी गरीब और असहाय महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास में लगे थे। इस मामले की जानकारी सबसे पहले हिंदू महासंघ और राष्ट्रीय गौरक्षा समिति के पदाधिकारियों को मिली, जिन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर पादरियों की गतिविधियों का विरोध किया।
दो पादरी धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे
यह घटना नगर कोतवाली के मुहरिया इलाके की है, जहां एक घर में दर्जनों महिलाएं, जो अधिकांशतः गरीब और दलित थीं, एकत्रित थीं। आरोप है कि ये महिलाएं ईसाई धर्म के प्रति प्रेरित करने के लिए आयोजित एक धर्म सभा में शामिल हो रही थीं। जब हिंदू महासंघ और राष्ट्रीय गौरक्षा समिति के पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि दो पादरी महिलाओं को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। जैसे ही उन्होंने इसका विरोध किया, माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया
हिंदू संगठनों के सदस्यों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया और पाया कि वास्तव में पादरी महिलाओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रभावित कर रहे थे। पुलिस ने दोनों पादरियों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की। पुलिस ने उनके पास से धार्मिक पुस्तकें और अन्य सामग्री भी बरामद की।
सीओ सिटी प्रशांत सिंह ने मामले की पुष्टि की
सीओ सिटी प्रशांत सिंह ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि स्थानीय लोगों में इस विषय पर असंतोष और चिंता व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है, बल्कि यह समुदाय के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। हिंदू महासंघ के नेताओं ने आरोप लगाया कि पादरी गरीब और असहाय लोगों को उनके मुश्किल समय का फायदा उठाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहे थे।
धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर समुदाय के भीतर गहरी चिंता
इस घटना ने धार्मिक असहिष्णुता का सवाल खड़ा कर दिया है और स्थानीय लोगों के बीच तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस ने आश्वासन दिया कि वे मामले की गंभीरता को समझते हैं और इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। यह घटना स्थानीय समाज में धार्मिक पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर समुदाय के भीतर गहरी चिंता और जागरूकता की आवश्यकता है।
क्या ये पादरी किसी बड़े धर्म परिवर्तन के नेटवर्क का हिस्सा हैं
इस घटना के परिणामस्वरूप, विभिन्न समुदायों के बीच संवाद और सहिष्णुता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि इस प्रकार के विवादों से बचा जा सके। पुलिस अब इस मामले की पूरी जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये पादरी किसी बड़े धर्म परिवर्तन के नेटवर्क का हिस्सा हैं या नहीं। इस घटना ने सुल्तानपुर को एक बार फिर से धर्म और पहचान के मुद्दों के बीच की जटिलताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
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