साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में आपसी बहस छिड़ी हुई है। बसपा, सपा, कांग्रेस और बीजेपी सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनावों में वोट बैंक हासिल करना चाहती हैं। सभी पार्टियों के बड़े नेता अपने अपने मिशन को पूरे करने में लगे हुए हैं कहीं बसपा ‘अभियान’ चला रही है तो, कहीं बीजेपी ‘दलित सम्मेलनों’ में शामिल हो रही है।
साल 2024 में लोकसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में मुठभेड़ छिड़ी हुई है। हाल ही में सूचना मिली है कि आने वाले चुनावों में राजनीतिक द्वंद के चलते एक बड़ा प्रभाव या कह लीजिए कि एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
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सूचना के मुताबिक पता चला है कि, बसपा सुप्रीमों मायावती कांग्रेस के समर्थन में हैं, जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों में हड़कंप मच गया। बसपा सुप्रीमों मायावती के द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने पर बीजेपी के लिए चुनावी लड़ाई में कई नई चुनौती खड़ी हो गई हैं। वहीं, मायावती के द्वारा कांग्रेस को ऐसे समर्थन करने पर आने वाले चुनावों पर बड़ा असर होगा।
आपको बता दें कि हाल ही में बीएसपी चीफ मायावती एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने बीजेपी सरकार के सामने एक नई मांग रखी है, हालांकि कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने भी कई राज्यों में इस मुद्दे बात की थी, लेकिन बसपा ने एक बार फिर कांग्रेस का साथ देते हुए नई मांग के मुद्दे को काफी जो़रशोर से उठाया है।
बीएसपी चीफ मायावती ने कार्यक्रम के दौरान ‘पुरानी पेंशन योजना’ का मुद्दा उठाया है। वहीं अगर बात करें पिछले चुनाव की तो उस दौरान भी ‘पुरानी पेंशन योजना’ को लागू करने का मुद्दा काफी चर्चा में रहा था।
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बीते चुनावों के दौरान कई कांग्रेस शासित राज्यों में इसे लागू भी किया गया था, लेकिन यूपी सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। साल 2024 में लोकसभा चुनावों को लेकर बसपा इस बार बड़े स्तर पर अपनी योजनाएं बना रही है, वहीं बीते शनिवार को मायावती ने ‘पुरानी पेंशन योजना’ पर पार्टी की मांग रखते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
आपको बता दें कि, बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीते शनिवार ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा, “देश भर में आम लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों का जीवन भी त्रस्त करती बढ़ती हुई महंगाई के कारण केन्द्र व यूपी सहित विभिन्न राज्यों में ‘पुरानी पेंशन योजना’ को लागू करने की मांग लगातार ज़ोर पकड़ती जा रही है, जिसका समाधन होना बहुत ज़रूरी, बीएसपी की यह मांग।”
वहीं मायावती ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि, “इसी क्रम में महंगाई के साथ-साथ गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन आदि की जटिल समस्याओं के प्रति केन्द्र व यूपी सरकार को सही नीयत व नीति के साथ काम करना जरूरी है, ऐसी जनसमस्यायें भाषणबाजी से नहीं हल होती हैं, खा़सकर तब जब यूपी में डबल इंजन की सरकार में जनता डबल परेशान है, समाधान जरूरी।”
इस राजनीतिक बहस के चलते मायावती ने हाल ही में अपने एक बयान के ज़रिए कांग्रेस की ‘पुरानी पेंशन योजना’ की मांग को समर्थन दे दिया है, हालांकि बीते दिनों कांग्रेस द्वारा इस योजना को लागू किया गया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने इस पर कोई ख़ास प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिसकी वजह से इस साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ‘पुरानी पेंशन योजना’ का मुद्दा हावी रहने वाला है।
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बताते चलें कि, कांग्रेस की इस मांग को मायावती ने खुले तौर पर समर्थन करके राजनीतिक हलचलों को और भी बढ़ा दिया है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी सरकार के लिए अब ये योजना नई चुनौती बन गई सामने खड़ी है।
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