पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दलित-पिछड़ों को मंदिर का पुजारी बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ना कोई दलित ना कोई ब्राम्हण हम […]
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500 से ज्यादा दलित-आदिवासी-किन्नर और महिलाओं को बनाया राम मंदिर का पुजारी, 1100 लोगों को रामपंथ की दीक्षा
“रामपंथ ने राम परिवार भक्ति आंदोलन की शुरुआत कर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आगाज कर दिया है। भगवान राम भारत खंड के सांस्कृतिक नायक […]
अंबेडकर जयंती पर जानिये संविधान और लोकतंत्र के बीच आस्था को ढाल क्यों बनाया जा रहा है?
देश में चुनावी बिगुल बज चुका है और इस चुनावी मौसम में आज हर पार्टी सैद्धांतिक रूप से बाबासाहब भीमराव अंबेडकर की विचारधारा, लोकतंत्र और […]
“मन चंगा तो कठौती में गंगा” कहने वाले बनारस के महान संत रैदास ने आडंबर और जातिगत उत्पीड़न का जमकर किया था विरोध
संत रैदास के समय में हर तरफ भेदभाव और भ्रष्टाचार फैला हुआ था, ऐसे में उन्होंने अपना जीवन सामाजिक एकता का प्रचार करने और समाज […]
किस जातिसूचक बयान के लिए माफ़ी मांग रहें हैं रामभद्राचार्य.. पढ़िए
अभी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर जगतगुरु रामभद्राचार्य का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें संत जगतगुरु रामभद्राचार्य कह रहें हैं कि गोस्वामी ने कहा […]
ऐसा विवाह जिसमें पंडितों की ज़रुरत नहीं, हाई कोर्ट ने भी माना था सही…पढ़िए
ज्योतिबा फुले ने पुणे में 24 सितंबर 1873 को सत्य़शोधक समाज की स्थापना की थी। सत्यशोधक समाज का मतलब है “सत्य की खोज करने वाला […]
बुद्ध और कार्ल मार्क्स पर बाबा साहेब अंबेडकर के क्या विचार थे?….जानिए
डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महु जिले में हुआ था। बाबा साहेब अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन लोगों […]
छुआछूत को लेकर संविधान सभा में हुई ज़ोरदार बहस के दौरान जाति और धर्म को लेकर किसने क्या कहा ? जानिए
संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर डॉक्टर भीमराव ने अपने जीवन में छुआछूत के खिलाफ संघर्ष किया था। वह चाहते थे सभी वर्गों में समानता […]
बौद्ध धर्म की उत्पत्ति पर बाबा साहेब अंबेडकर ने क्या कहा था ?
बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। बाबा साहेब अंबेडकर संविधान निर्माता थे। इसके अलावा वह भारतीय राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और समाजसुधारक […]
ब्राह्मणवादी पितृसत्ता का पुरजोर विरोध करती पण्डिता रमाबाई
“ईश्वर के प्रति पूरी तरह से समर्पित जीवन में डरने के लिए कुछ नहीं है, खोने के लिए कुछ नहीं है, पछताने के लिए कुछ […]