गुजरात के राजकोट में दलित युवक की अस्पताल में मौत,थाने में बेरहमी से पीटने का पुलिस पर आरोप 

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दलित युवक को थाने में बेरहमी से पीटा जिसके बाद निजी अस्पताल में मौत दूसरी ओर “कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि राजकोट के व्यक्ति की पुलिस हिरासत में हत्या की गई है…

GUJARAT  NEWS : दरअसल गुजरात के राजकोट में दलित युवक की मौत ने एक बार फिर से दलितों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल दलित युवक की मौत के मामले में परिजन ने कहा है कि पड़ोस में किसी के झगड़े में बीच बचाव करने के लिए मामले को पुलिस थाने लेकर गए थे। लेकिन दलित युवक को पुलिस ने बेरहमी से पीटा जिसकी वजह से युवक की अस्पताल में मौत हो गयी। जानते हैं पूरा मामला।

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क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला गुजरात राजकोट का है। जहां पर दलित युवक की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। इस बार पुलिस पर दलित युवक की मौत का आरोप है जिसकी वजह से ये मामला और भी गंभीर हो गया है। जनकारी के मुताबिक दलित युवक की मौत के मामले में परिजनों ने आरोप लगाया है कि पड़ोस में झगड़ा चल रहा था और इस मामले में बीच बचाव के लिए हमीर (दलित युवक) पुलिस थाने ले गये थे। लेकिन थाने में पुलिस वालों ने हमीर को बेरहमी से पीटा जिसके बाद इलाज के दौरान अस्पताल में उलकी मौत हो गयी। इस घटना के बाद परिवार वालो में काफा रोष है और यहां तक कि परिवार वालों ने शव लेने से इंकार कर दिया है। परिजनों की मांग है कि आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई कर गिरफ्तार किया जाए।

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मृतक की पत्नी का बयान :

इस घटना के मामले में मृतक दलित युवक की पत्नी गीता ने पुलिस वालों को अपने बयान में बताया कि अंबेडकर नगर के खोडियार नगर में राजू सोलंकी नाम का शख्स रहता है। 15 अप्रैल रविवार के दिन राजू सोलंकी का अपने पड़ोसी से झगड़ा हो गया था। उस दौरान राजू का बेटा जयेश हमारे घर आया और झगड़े के बारे में बताया और कहा कि पड़ोसी ने पुलिस बुला लिया है। इसके बाद जयेश ने हमीर ( गीता का पति) से कहा कि अगर वह इस मामलें में उनका साथ दे तो मामला सुलझ सकता है इसके बाद हमीर जयेश के साथ चला गया।

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राजकोट के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने क्या कहा ?

जानकारी के मुताबिक इस मामले में राजकोट के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव का कहना है कि30 साल के हमीर गुर्दे और डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहा था। पुलिस उसे किसी और से जुड़ी कॉल के संबंध में थाने लाई थी। उस दौरान जब हमीर ने मामले में दखल करने लगा जिसके बाद पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटना शुरु कर दिया। परिजनों ने इस मामले में ये भी कहा है कि पुलिस की पिटाई के बाद वह कोमा में चला गया और दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। फिलहाल हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

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निजी अस्पताल में मौत :

इस मामले में राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा कि घटना में शामिल पुलिस वालों की पहचान कर ली गई हैं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राजकोट के अंबेडकरनगर के रहने वाले हमीर उर्फ गोपाल राठौड़ की शहर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। उसे मालवीय नगर थाना पुलिस ने रविवार रात पड़ोस में झगड़ा करने के कारण हिरासत में लिया था। दूसरी ओर “कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि राजकोट के व्यक्ति की पुलिस हिरासत में हत्या की गई है।“

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भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और 323 के तहत मामला दर्ज :

मृतक की पत्नी गीता ने अपनी शिकायत में ये भी बताया था कि उनकी सास केशर ने पड़ोसी नानजीभाई को घटना के बारे में बताया था कि जिसके बाद पड़ोसी मालवीय नगर पुलिस स्टेशन गए और रात में 15 अप्रैल सोमवार को 1 बजे हमीर को अपने स्कूटर में बेहोशी की हालत में घर लेकर आये थे। हमीर की पत्नी गीता ने अपने बयान में ये भी बताया कि जब उसके पति को घर लाया गया तब उस वक्त वह कोमा में थे और पेशाब भी उन्होंने कपड़ो में किया हुआ था। जब गीता अपने पति हमीर के कपड़े बदल रही थी तब उस समय मैंने उनके शरी पर लगे चोटों के निशान देखें थे, गीता ने कहा। गीता की शिकायत के आधार पर मंगलवार सुबह मालवीय नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और 323 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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कांग्रेस विधायक जिग्नेश माणी  ने घटना के मामले में क्या कहा ?

कांग्रेस विधायक जिग्नेश माणी ने अपने हेंडल पर ट्वीट करके घटना के मामले में कहा कि  “कुछ दिनों पहले गुजरात भाजपा के नेता पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा था की “ढोल, गंवार, पशु, शुद्र, नारी; ये तो सब ताडन के अधिकारी।” शुद्रो ओर स्त्रियों की पिटाई की बात करने वाले रुपाला जी के राजकोट शहर की मालवीया नगर पुलिस ने उनकी बात को सार्थक करते हुए हरेश राठौर नाम के दलित युवक को कस्टडी में ईतना पीटा की आज उसकी मौत हो गई। कांग्रेस विधायक जिग्नेश माणी  ने कहा कि “यह एक कस्टोडियल हत्या है जिसमें गुजरात देश में अवल स्थान पर हैं। हमारी मांग है की मामले की जांच शराब, ड्रग्स और जमीन के सौदों में लाखों रूपए कमानेवाले भ्रष्ट अधिकारी के बजाय उन अधिकारियों से कराई जाए जिसकी निष्ठा पर कोई सवाल नही उठ सकता। में IPS अधिकारी सुधा पांडे की अध्यक्षता में जांच की मांग करता हूं।”जब तक सुधा जी को जांच नहीं सौंपी जाती तब तक पीड़ित परिवार मृतक के मृतदेह का स्वीकार नहीं करेगा। 50 लाख का मुआवज़ा और 6 महीने में स्पेशल कोर्ट में मुकदमे की करवाई पूर्ण करने की मांग भी हम रखते है।”

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