तमिलनाडु के तंजावुर में सैलून मालिक ने दलित युवक के बाल काटने से किया इंकार

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तमिलनाडु के तंजावुर के ओरथानाडु में एक दलित युवक के साथ जातिगत भेदभाव और छुआछूत का मामला सामने आया है। ओरथानाडु के किलमंगलम गांव में एक सैलून के मालिक ने एक दलित युवक के बाल काटने से मना कर दिया। बता दें कि इस घटना से पहले गांव के एक सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्रन ने जातिगत भेदभाव और छुआछूत को लेकर याचिका दायर की थी. याचिका के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से चाय की दुकानों पर डबल टंबलर प्रणाली चलन में है और सैलून के मालिक दलितों के बाल काटने से इनकार कर रहे हैं।

Image credit: social media

याचिका दायर करने के बाद तहसीलदार ने वीएओ को जांच के आदेश दिए है। इस जांच के बाद सच सामने आ गया, जिसके बाद तहसीलदार ने गांव का दौरा कर लोगों को छुआछूत न करने की चेतावनी दी. इसी बीच, जब 25 नवंबर को एक दलित व्यक्ति अपने बाल कटवाने के लिए जब सैलून पहुंचा, तो सैलून के मालिक ने दलित होने के कारण उसके बाल काटने से इनकार कर दिया. जिससे नाराज एससी समुदाय के लोगों ने 28 नवंबर को जिले के एसपी से संपर्क कर शिकायत की। शिकायत के बाद तहसीलदार सुरेश ने फिर से गांव में जाकर जांच की।

 

 

गुरुवार 1 दिसंबर को पप्पनाडु पुलिस ने किलमंगलम के सैलून मालिक वीरमुथु (41) के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे एसी एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद गांव में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
आपको बता दे कि इससे पहले 29 नवंबर को लोकसभा सांसद डॉ. डी रविकुमार ने ट्विटर पर कार्यकर्ता राजेंद्रन द्वारा ग्रामीणों की ओर से पुलिस को लिखे शिकायती पत्र को साझा करते हुए न्याय की मांग की थी.
रविकुमार ने एससी/एसटी आयोग को लिखे एक पत्र को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे को उजागर किया था और साथ ही मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने का आग्रह किया था. उन्होंने यह भी कहा कि एससी/एसटी आयोग को घटना की जांच करनी चाहिए.

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