झारखंड क्रिकेट का रॉबीन हुड

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रॉबिन मिंज़ जब क्रिकेट के मैदान में उतरते हैं तो रॉबीन हुड की तरह गेंदबाज़ों की धुलाई कर देते हैं। आपकों बता दें कि रॉबीन मिंज़ आईपीएल  में पहुँचने वाले पहले आदिवासी खिलाड़ी है।
जिन्होंने अब तक झारखंड टीम के लिए अंडर-19 और अंडर-25 टूर्नामेंट खेला है। आज हम अपने इस लेख में उनके जीवन महत्वपूर्ण पहलू के बारे में जानेंगे।

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रॉबीन मिज़ झारखंड के गुमला जिले के रहने वाले हैं। वह आदिवासी समुदाय से आते हैं। इनका जन्म 13 सितंबर 2001 में हुआ था। इनका बचपन रांची के नामकुम में बीता था। इनके पिता का नाम फ्रांसिस जेवियर मिंज है जो भारतीय सेना में थे और अब वह रांची एयरपोर्ट पर काम करते हैं। और इनकी माता का नाम एलिस तिर्की है,जो एक गृहणी हैं।

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बचपन से क्रिकेट का शौक:

रॉबीन मिंज को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। ऐसा कहा जाता है कि महेंद्र सिंह धोनी उनके आदर्श थे उन्हीं से प्रेरित होकर रॉबीन मिंज़ ने किक्रेट खेलना शुरु किया था। रॉबीन मिंज़ केवल दसवीं कक्षा तक पढ़े हैंं। इसके बाद का समय रॉबीन मिंज़ ने क्रिकेट पर समर्पित कर दिया था।

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पिता का सहयाेग मिला:

रॉबिन मिंज ने महज़ 8 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। शुरुआत में वह जलावन की लकड़ी के बैट से क्रिकेट खेलते थे। उनके पिता ने जब रॉबीन का क्रिकेट के प्रति समर्पण देखा तो उन्होंने भी रॉबीन के लक्ष्य को पूरा करने में उनका साथ दिया। उनके पिता ने रॉबीन को रांची के नामकुम में ट्रेनिंग दिलाने का फैसला किया।

 

रॉबीन मिंज: इमेड क्रेडिट बीबीसी

 

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बाएं हाथ के विकेटकीपर और बल्लेबाज:

रॉबीन ने अपनी क्रिकेट कोचिंग की शुरुआत नामकुम बाज़ार मैदान से की और इसके बाद सेंट जेवियर स्कूल से कोचिंग भी की और फिर बाद में उन्होंने सोनेट कोचिंग से ट्रेनिंग प्राप्त की। आपकों बता दें कि रॉबिन मिंज बाएं हाथ के विकेटकीपर के अलावा तेज बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं।

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बाएं हाथ से खेलने पर पिता ने क्या कहा?

बाएं हाथ से खेलने पर रॉबीन के पिता जेवियर मिंज ने बीबीसी की रिपोर्ट में  ने कहा, “जब ये दो साल का था, तब से ही डंडे लेकर बॉल पर मारना शुरू कर दिया था। मैं ख़ुद भी फुटबॉल और हॉकी का प्लेयर रहा हूं। मैंने इसको जब टेनिस बॉल लाकर दी तो ये दाएं हाथ के बजाय बाएं हाथ से खेलने लगा. यही बात मुझे क्लिक कर गई। क्योंकि मेरे परिवार में कोई भी लेफ्टी नहीं है. ये भी क्रिकेट के अलावा सब काम दाएं हाथ से ही करता है. पांच साल की उम्र में मैंने इसे क्रिकेट कोचिंग में डाल दिया.”

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रॉबीन मिंज के माता पिता, इमेज: बीबीसी

रांची का गेल:

रॉबीन मिंज को रांची का गेल भी कहा जाता है। रॉबीन को महेंद्र सिंह धोनी के बचपन के कोच चंचल भट्टाचार्य ने भी ट्रेन किया है। एबीपी की रिपोर्ट में  रॉबीन के बल्लेबाजी कोच आसिफ  ने बताया था कि ‘हम रॉबिन को रांची का गेल कहते हैं. वह बाएं हाथ से बल्लेबाजी करता है और बड़े छक्के जड़ने की काबिलियत रखता है। वह नए जमाने का क्रिकेटर है जो पहली गेंद से ही गेंदबाजों पर टूट पड़ता है और 200 की स्ट्राइक रेट से खेलना पसंद करता है।”

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 शानदार प्रदर्शन के लिए तैयार:

आपको बता दें कि बाएं हाथ के विकेटकीपर-बल्लेबाज होने के नाते, उन्होंने अंडर-19 और अंडर-25 क्रिकेट में झारखंड के लिए खेला था। रॉबीन के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए  इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)  की टीम मुंबई ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए चुना था। अभी हाल ही में गुजरात टाइटंस ने 2024 आईपीएल निलामी में रॉबीन को 3.60 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल किया है। अब वह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।

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