राजस्थान: स्कूल में दलित छात्राओं के खाना परोसने पर कुक ने जताई नाराज़गी, छात्रों से खाना फिंकवाया

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राजस्थान से फिर एक बार दलितो के साथ भेदभाव की खबर सामने आई है। मामला इस बार उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल का है। जहाँ खाने के समय पर “मेघवाल” जाति की दो लड़कियों के सभी को दाल परोसने पर स्कूल के कुक ने आपत्ति जताई। इसके बाद दाल और गुंदे हुए आटे को भी फिंकवा दिया गया। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने स्कूल के कुक लालूराम गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या था पूरा मामला:

दरअसल, गोगुंदा के इस स्कूल में खाना बनाने वाला कुक लालूराम गुर्जर रोज़ाना कुछ चुने हुए बच्चों को खाना परोसने के लिए कहता है। लेकिन इस बार जब स्कूल की छात्रा डिम्पल मेघवाल और नीमा मेघवाल ने सभी बच्चों को दाल परोसी तो कुक को ये नागावार गुज़रा। लालूमार ने सभी बच्चो को खाना बाहर फेंकने के लिए कहा। इतना ही नहीं बची हुई दाल और गुंदे हुए आटे को भी फेंक दिया गया।

दलित छात्राओं के दाल परोसने पर स्कूल के कुक ने खाना फिंकवाया (तस्वीर : सोशल मीडीया)

घटना के बाद दोनो दलित बच्चियों ने कुक लालूराम गुर्जर पर उनके साथ भेदभाव औऱ गाली गलौज करने का आरोप भी लगाया है। बहरहाल, कुक को गिरफ्तार कर लिय़ा गया है औऱ मामले मे आगे की जांच की जा रही है।

घटना से मेघवाल समाज में गुस्सा:

स्कूल से घर आकर जब डिम्पल मेघवाल और नीमा मेघवाल ने सभी को बताया कि उनके साथ स्कूल में क्या हुआ तो सभी को हैरानी भी हुई और गुस्सा भी आया। इससे पहले मामले की जानकारी मिलते ही गांव वाले स्कूल पहुंच गए थे। मेघवाल समाज के लोगो ने स्कूल के अध्यापकों को कुक की शिकायत की थी लेकिन स्कूल प्रशासन ने स्कूल में किसी भी तरह के भेदभाव से मना किया।

तस्वीर : ट्वीटर

हालांकि खाना फेंके जाने पर स्कूल प्रिंसिपल ने कहा कि, लालूराम ने हमसे कहा था कि गीले आटे में मेढ़क गिर गया है। जिसके बाद हमारे आदेश पर खाना फेंका गया था।

दोनो छात्राओं ने क्या कहा:

स्कूल मे पढ़ रही मेघवाल समाज की दोनों छात्राओं ने सभी को बताया कि स्कूल में भोजन के समय पर उन्होंने खाना खा रहे सभी बच्चों को दाल परोसी तो कुक लालूराम गुर्जर ने इस पर नाराज़गी वयक्त की। लालूराम ने दोनों के साथ गाली गलौज भी की और फिर दूसरी जाती के सभी छात्र-छात्राओं से कहा, “ये नीची जाति की हैं, इनके छुए हुए खाने को क्यों खा रहें हो, फेंक दो।”

राजस्थान में ये कोई पहली घटना नहीं है जब दलितों के साथ दुर्व्यवहार या भेदभाव किया गया है। एक दिन पहले राजस्थान के नागौर में एक सरकारी स्कूल में जाट शिक्षक ने अपने छात्र शिव मेघवाल के साथ गाली-गलौज और मारपीट की थी। उसका कसूर बस इतना था कि उसने दस्तावेज़ो पर अपने सरनेम (मेघवाल) के साथ हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले जालौर से इंद्र मेघवाल का मामला सामने आया था। जिसे मटके से पानी पीने के लिए स्कूल के एक शिक्षक ने जानवरो की तरह पीटा था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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