सीधी पेशाब कांड के पीड़ित पर छाया राजनीतिक खुमार

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मध्यप्रदेश: बीते माह जुलाई में सीधी जिले में पेशाब कांड हुआ था। अब इस घटना में एक नया मोड़ सामने आया है। दरअसल ऐसा कहा जा रहा है कि पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत रावत चंद्रशेखर आजाद के संगठन भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी में शामिल हो गए हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि दशमत रावत कहना है कि उनकी किसी ने खोज खबर नहीं ली। आखिर क्या है पूरा मामला? आइए विस्तार से जानते हैं।

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क्या है पूरा मामला ?

 

दरअसल मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले दशमत रावत के साथ जब पेशाब कांड हुआ था। तब उस समय इस घटना का एक वीडियों वायरल हुआ था। इस वीडियों को देखकर मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने तुरंत आनन फानन में दशमत को अपने निवास पर बुलाकर पैर धोकर सम्मान किया था। इसके अलावा घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास से 1.5 लाख रुपए की मदद और 5 लाख रुपए का चेक भी प्रदान किया  था। बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए सुविधा प्रदान करने का वादा  भी किया था।

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SHIVRAJ SINGH CHAUHAN, CHIEF MINISTER OF MADHAY PRADESH IMAGE CREDIT BY GOOGLE

किसी ने खोज खबर नहीं ली:

बीते 2 महीने से किसी भी राजनीतिक दल ने आदिवासी युवक की खोज खबर नहीं ली। इस बात से परेशान होकर दशमत ने बीते दिन चंद्रशेखर आजाद की आजाद पार्टी में सदस्यता ले ली। हालांकि आज भी 4 पुलिसकर्मी दशमत की सुरक्षा में तैनात रहते हैं।

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पुलिस तैनाती के कारण जेल जैसा बंद महसूस करता हूं:

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी पीड़ित दशमत रावत का कहना है कि पुलिसकर्मियों के घर में रहने के कारण वह खुद को घर में जेल जैसा बंद महसूस करते हैं। इसके लिए दशमत रावत ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को एक पत्र लिखकर पुलिस हटाए जाने की मांग की थी। लेकिन कलेक्टर अज्ञैर एसपी ने मौखिक आश्वासन देते हुए कहा कि “चुनाव संपन्न होने जाने के बाद आपके यहां लगे हुए पुलिसकर्मियों को हटा लिया जाएगा।”

IMAGE CREDIT BY AAJ TAK

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सारा पैसा घर बनाने में खर्च :

 

दशमत रावत ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने जो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की थी वह घर बनाने में खर्च हो गई है। अब उसके पास घर चलाने के लिए पैसा नहीं है इसलिए वह मज़दूरी करना चाहता है। लेकिन घर में 4 पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं जिसकी वजह से वह मजदूरी नहीं कर पाता है।

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चंद्रशेखर की पार्टी ने भरोसा दिलाया :

दशमत का यह भी कहना है कि वह उधार लेकर अपने घर का खर्चा चला रहा है। चंद्रशेखर की पार्टी ने उन्हें भरोसा दिया है कि अगर उनकी पार्टी जीतेगी तो पूरी मदद की जाएगी। इसी भरोसे से दशमत ने आजाद पार्टी को ज्वाइन करते हुए अपने घर में झंडा लगा लिया है।

 

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