यूएन में दिये भाषण के दौरान वाल्मिीकि समाज से आने वाली रोहिणी घावरी ने जय श्रीराम बोला तो वह समाज की नजरों में खटक गयीं, और ट्रोलर्स उनके लिए न सिर्फ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि पार्टी विशेष से भी जोड़ रहे हैं…
Who is Dalit Girl Rohini Ghavari : ‘अगर आज मेरी जगह कोई और जाति की लड़की होती तो इनकी हिम्मत नहीं थी उसको ट्रोल करने की लेकिन मेरा क़सूर है कि मैं वाल्मीकि समाज की बेटी हूँ! मेरा UN में जयश्री राम बोलना इन्हें इतना बुरा लग जाएगा मैंने कभी नहीं सोचा था! जो भी समाज को जोड़ने की बात करता है दुनिया उसकी दुश्मन बन जाती है।’
यह बात लिखी है अपने एक्स एकाउंट पर दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले पीएचडी स्कॉलर रोहिणी घावरी की। जी हां, ये वही रोहिणी हैं, जिन्होंने यूएन में दिये भाषण के दौरान जय श्रीराम बोला तो वह समाज की नजरों में खटक गयीं, और ट्रोलर्स उनके लिए न सिर्फ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि पार्टी विशेष से भी जोड़ रहे हैं।
यूएन के भाषण में जय श्रीराम बोलने वाली दलित समाज की रोहिणी सफाईकर्मी परिवारी से आती हैं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की रहने वाली रोहिणी के पिता सीवेज वर्कर हैं। रोहिणी अभी स्विट्जरलैंड में पीएचडी स्कॉलर हैं और उनकी प्रतिभा के कारण उन्हें पीएचडी के लिए एक करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। शिक्षाशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता रोहिणी यूनाइटेड नेशंस में भारत की प्रतिनिधि भी हैं। सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहने वाली रोहिणी ने यूएन में दिया गया वह भाषण भी साझाा किया था, जिसकी शुरुआत उन्होंने जय श्रीराम से की थी।
हालांकि जहां एक वर्ग रोहिणी को ट्रोल कर रहा है, वहीं बहुत बड़ी संख्या में लोग उनके समर्थन में भी उतर चुके हैं। रोहिणी को ट्रोल करने वालों में ज्यादातर उन्हीं के समाज से ताल्लुक रखने वाले लोग हैं।
दलित टाइम्स से हुई खास बातचीत में रोहिणी बता चुकी हैं कि उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम से क्यों की। यही नहीं रोहिणी उस साक्षात्कार में ट्रोलर्स को मुंहतोड़ जवाब भी दे चुकी हैं। रोहिणी दलित टाइम्स से हुई बातचीत में सवाल उठा चुकी हैं कि जय श्रीराम का नारा लगाने से मैं फर्जी अंबेडकरवादी कैसे हो गयी?’
यूएन में इस भाषण के कारण ट्रोल हो रही हैं रोहिणी
रोहिणी घावरी ने यूएन में अपने संबोधन में जो कुछ कहा उसकी जानकारी ‘एक्स’ पर देते हुए लिखा था, ‘सभी रामभक्तों को #Unitednations से मेरा जयश्री राम। अपने देश में आपसी भाईचारा बढ़ाए जाने के मकसद से और पाकिस्तान की ओर से UN में राम मंदिर पर नेगेटिव बोलने पर मेरा जवाब सुनिए। मैं चाहती हूं हम सभी आपस में मिलजुल कर रहें और देश की तरक्की में योगदान दें।’
यूएन में 15 मार्च को दिये गये अपने भाषण में रोहिणी घावरी ने कहा था, ‘जय श्री राम मिस्टर प्रेसिडेंट फ्रॉम भारत, आज मैं इस बात पर प्रकाश डालना चाहती हूं कि कैसे राम मंदिर, आस्था, विरासत और सद्भाव को जोड़ता है। 22 जनवरी 2024 भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है। भारत आध्यात्मिकता के क्षेत्र में हमेशा विश्वगुरु रहा है और अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नए मील के पत्थर हासिल करने के साथ, हम विकास और आध्यात्मिकता के बीच महान संतुलन का सबसे अच्छा उदाहरण बन गए हैं। मैं गर्व से कहती हूं कि मैं वाल्मिकी समाज से आती हूं और हमारे प्रभु वाल्मिकी ने महाकाव्य रामायण के माध्यम से पूरे विश्व को श्री राम का परिचय दिया। अध्यक्ष महोदय, #HRC54 के दौरान अपने पिछले भाषण में, मैंने भारतीय संविधान की ताकत के बारे में बात की थी। अब भारतीय न्यायपालिका ने समुदायों के बीच कोई वैमनस्य पैदा किए बिना राम जन्मभूमि पर एक दशक से चले आ रहे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करके अपनी ताकत साबित कर दी है। फैसले का भारतीय समाज के सभी वर्गों ने स्वागत किया है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा, अयोध्या राम मंदिर का बड़ा आर्थिक महत्व भी है। राम मंदिर आस्था, एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और रोजगार, पर्यावरणीय स्थिरता और राष्ट्र के विकास का सृजन करके आर्थिक विकास में योगदान देता है। इस प्रकार, अयोध्या राम मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं है। यह प्राचीन और आधुनिक दोनों मूल्यों वाले नए भारत का एक महान उदाहरण है। धन्यवाद प्रेसीडेंट महोदय।’
अपने एक्स हैंडल पर एक अन्य पोस्ट शेयर करते हुए रोहिणी ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है, ‘आज मैं एक वाल्मीकि समाज की बेटी आपसे निवेदन करना चाहती हूँ !! आपके द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में एवं कोविड के दौर में कड़ाके की ठंड बारिश सब में काम कर देश के 140 करोड़ लोगों को स्वस्थ रखने की भावना से रोड़ पर सफ़ाई सैनिक देश को स्वच्छ बनाते रहे! जिस गंदगी को देख लोग मुँह फेर लेते है उसे मेरी समाज के लोग हाथ से उठाते है बहुत बार सीवर साफ़ करते हुए शहीद हो जाते! जब काम एक जैसा तो वेतन एक जैसा क्यों नहीं यह ठेकेदारी प्रथा कच्चे पक्के यह सब बंद कीजिए मैं निवेदन करती हूँ की आप देश के सभी सफ़ाईकर्मियों को परमानेंट करे जिससे वो भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सके और देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे!! 8000 की तनख़्वाह में घर कैसे चलाये बच्चे कैसे पढ़ाये बताइए! फिर कोई सफ़ाईकर्मी का बच्चा मजबूरी में सफ़ाईकर्मी ना बने! प्रिय प्रधानमंत्री जी आपने धारा 370 हटायी आपने राम मंदिर बनाने का वादा पूरा किया अब एक और ऐतिहासिक फ़ैसला लीजिए और देश के सफ़ाईकर्मियों को नियमित करने की कृपा करे समान काम समान वेतन दीजिए! मैं आपसे वादा करती हूँ फिर देश के 1 करोड़ से ज़्यादा सफ़ाईकर्मियों सहित उनके पूरे परिवार आपको वोट देंगे। देश का सफ़ाईकर्मी वर्ग बहुत उम्मीद की निगाहों से आपकी तरफ़ देख रहा है। मैंने अपने #UnitedNations के भाषण से पूरे देश को गौरवान्वित किया मुझे पूरी उम्मीद है मेरी आवाज़ आप तक ज़रूर पहुँचेगी और आप मेरा निवेदन स्वीकार ज़रूर करेंगे!’
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
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