झारखंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 मंगलवार को झारखंड विधानसभा में पास हो गया। हालाँकि विपक्षी सदस्यों की ओर से इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने और कई संशोधन के प्रस्ताव के प्रस्ताव भी दिये गये, जिसे खारिज कर दिया गया। विधेयक के विधानसभा में पास होते ही मुस्लिम समाज के लोगों ने सरकार को धन्यवाद दिया और खुशी का इजहार करते हुए मिठाई तक बांटी। लोगों ने हेमंत सोरेन सरकार के समर्थन में नारेबाजी भी की और घरों व मस्जिदों से बाहर निकलकर इस विधेयक का जश्न मनाया।
झारखंड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा विधायकों के वॉक आउट के बीच भीड़ हिंसा एंव भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 को मंजूरी प्रदान की गई। विपक्ष के विधायकों की ओर से इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी कौ सौंपने और संशोधन का प्रस्ताव भी दिया गया, जिसे खारिज कर दिया गया। इस विधेयक के पास होने से अब राज्य में मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से अब तक राज्य में 56 लोग मॉब लिंचिंग का शिकार हुए हैं।
झारखंड मुस्लिम सेंट्रल कमेटी के उपाध्यक्ष आफरोज आलम ने कहा कि यह विधेयक सिर्फ मुसलमानों ही नहीं बल्कि समाज के सभी लोगों के लिए हितकारी होगा। जो लोग कानून अपने हाथ में लेकर मॉब लिंचिंग को अंजाम देते हैं, उन्हें अब सजा मिल सकेगी।उन्होंने कहा कि अभी तक मॉब लिंचिंग के ज्यादातर शिकार मुस्लिम समाज के लोग हुए हैं जिन्हें न तो उचित मुआवजा मिला है और न ही उनके पुनर्वास की कोई मुकम्मल व्यवस्था की गई है|
बिल पास होने की खुशी में बकायदा कई नेताओं के नाम लेकर उनके समर्थन में नारेबाजी की गई. हालांकि कुछ लोग जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के समर्थन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लेकर नारे लगा रहे थे तो वहीं, कुछ लोग कांग्रेस को इसका श्रेय दे रहे थे|
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