लखनऊ ब्यूरो: राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने अपने सभी विधायकों से आग्रह करते हुए कहा कि क्षेत्रिय विकास निधि का 35 प्रतिशत दलित समाज के लोगों पर खर्च करें. इसके अलावा जयंत ने कहा कि दलित और ओबीसी वर्ग से जुड़े मुद्दे सदन में उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election) से पहले मैंने अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की दयनीय स्थिति देखी है.
जयंत ने पेंशन छोड़ने का किया ऐलान
जयंत चौधरी ने सोमवार को अपने नेता विधानमंडल दल राजपाल बालियान को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने दलितों पर होने वाले उत्पीड़न पर नजर रखने और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करने को कहा है. आपको बता दें कि जयंत ने कुछ दिन पहले शामली में अग्निवीर योजना के विरोध में पेंशन छोड़ने का ऐलान किया था. केंद्र सरकार अग्निवीरों को 4 साल की नौकरी में पेंशन नहीं दे रही है. चौधरी ने कहा, इसलिए मैं सांसद होने के नाते पेंशन नही लेने का फैसला लेता हूं.
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समाज के कमजोर वर्ग तक सरकारी योजनाओं का लाभ
चौधरी ने पत्र में आगे लिखा कि जब तक समाज के कमजोर वर्ग तक सरकारी योजना का लाभ नही पहुंचता, तब तक बड़ा परिवर्तन संभव नही है. इसीलिए हमारे दल के विधायकों की जो क्षेत्रीय विकास निधि है, उसका 35 प्रतिशत भाग अपने क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए खर्च करें.
दलित वोटर्स को लुभाने का प्रयास
राष्ट्रीय लोक दल को विधानसभा चुनाव 2022 में 8 सीटे मिली है. जबकि 2017 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के पास सिर्फ एक विधायक था. राजनीति के जानकारों की मानें तो जयंत की नजर उत्तर प्रदेश के 22 प्रतिशत दलित वोटर्स पर है. यह वोटर्स यूपी में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते है. लोकसभा चुनाव 2024 में दलित वोटर्स को अपने साथ जोड़ने के लिए जयंत चौधरी अभी से जुट गए है. जयंत अपने इस प्लानिंग के जरिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दलित वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं.
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