चुनाव आयोग ने हाल ही में 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनावों की घोषणा की है। इन उपचुनावों में कई राजनीतिक दलों के लिए यह सीटें प्रतिष्ठा का सवाल हैं, जबकि दलित उम्मीदवारों की संख्या और उनके क्षेत्रों में भी चुनावी रणनीतियां चर्चा का विषय बन रही हैं।
चुनाव आयोग ने जिन 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की घोषणा की है, उनमें प्रमुख सीटें निम्नलिखित हैं:
उत्तर प्रदेश (UP)
- सिकंदरा (SC)
- इगलास (SC)
- घाटमपुर (SC)
- मल्हनी
बिहार
- गया (SC)
- जहानाबाद
- दरौंधा
- मुजफ्फरपुर
- चेनारी (SC)
मध्य प्रदेश
- आगर मालवा (SC)
- गुना
- देवास (SC)
- बड़ा मलहरा
- सांची (SC)
- मांधाता
राजस्थान
- डूंगरपुर (ST)
- वल्लभनगर
- सहाड़ा (SC)
- सुजानगढ़ (SC)
पश्चिम बंगाल
- कूचबिहार (SC)
- अलीपुरद्वार (SC)
- कालियाचक
- खरगपुर सदर
महाराष्ट्र
- रामटेक (SC)
- पंढरपुर
- पुणे कैंट
कर्नाटक
- बेलगावी
- सिंदगी
- बसरूर
ओडिशा
- बालासोर
- तिरोलो
गुजरात
- मोरबी
- गढ़दा (SC)
- धारी
- कपराडा (ST)
झारखंड
- दुमका (ST)
- बेरमो
छत्तीसगढ़
- मरवाही (ST)
- डोंगरगढ़ (SC)
हरियाणा
- बड़ौदा
असम
- रंगिया
- सिवसागर
मणिपुर
- वांगोई
- लिलोंग
नागालैंड
- दक्षिण अंगामी
केरल
- कुट्टानाड
- चवारा
अरुणाचल प्रदेश
- खोंसा (ST)
आरक्षित सीटों का ब्योरा
इस उपचुनाव में 48 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की कुछ प्रमुख SC आरक्षित सीटें शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात की सिकंदरा और अलीगढ़ की इगलास सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि बिहार में गया और जहानाबाद की कुछ सीटें भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तय हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश की देवास और गुना जैसे जिलों में भी SC आरक्षित सीटों पर चुनाव होंगे। पश्चिम बंगाल की कूचबिहार और अलीपुरद्वार सीटें भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
दलित उम्मीदवारों पर विशेष ध्यान
राजनीतिक दलों ने इन उपचुनावों में अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों पर विशेष रूप से दलित उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने यूपी और मध्य प्रदेश की SC आरक्षित सीटों पर अपने मजबूत दलित चेहरों को उतारा है। बसपा ने कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से रामदीन वर्मा को और मध्य प्रदेश की देवास सीट से रमेश अहिरवार को उम्मीदवार बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी दलित वोट बैंक को साधने के लिए SC आरक्षित सीटों पर अपने उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भाजपा ने बिहार के जहानाबाद से सुनील पासवान और राजस्थान की डूंगरपुर सीट से कैलाश बंजारा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की इगलास सीट से शीला देवी और पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार सीट से रमेश चंद्र को टिकट देकर दलित वर्ग को साधने का प्रयास किया है।
दलित वोट बैंक की लड़ाई
इन उपचुनावों में दलित वोट बैंक का विशेष महत्व है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल यह मानते हैं कि दलित समुदाय के वोट इन उपचुनावों के परिणाम को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकते हैं। इसी कारण से हर पार्टी ने अपनी रणनीति में दलित उम्मीदवारों को अहमियत दी है। यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में दलित नेताओं का बड़ा असर है, जिसके चलते इन राज्यों की आरक्षित सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
इन उपचुनावों का परिणाम आगामी लोकसभा चुनावों पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अनुसूचित जाति के वोट निर्णायक साबित होते हैं। दलित उम्मीदवारों की यह चुनावी दौड़ एक अहम संकेत है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी दलित वोट बैंक को साधने के लिए सभी दलों के बीच होड़ रहेगी।
2 लोकसभा सीटों पर भी होगा मुकाबला
48 विधानसभा सीटों के अलावा दो लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। इनमें महाराष्ट्र की रामटेक और राजस्थान की नागौर सीटें प्रमुख हैं। यहां भी दलित उम्मीदवारों की भागीदारी पर राजनीतिक विश्लेषक नजर बनाए हुए हैं।
चुनाव की तारीखें
यूपी की 9 सीटों समेत 14 अन्य राज्यों की 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे। इसी दिन वायनाड लोकसभा सीट पर भी मतदान होगा। उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे।
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनमें कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, मैनपुरी की करहल, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ मुरादाबाद की कुंदरकी, और मुजफ्फरनगर की मीरापुर शामिल हैं। हालांकि, मिल्कीपुर सीट के लिए मतदान की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है। यह सीट सपा नेता अवधेश प्रसाद पासी के इस्तीफे के कारण खाली हुई है।
राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा, और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी। इन सीटों में दौसा, देवली-उनियारा, सलूंबर, झुंझुनू, चौरासी, खींवसर और रामगढ़ शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव के लिए भी 13 नवंबर को मतदान होगा, और नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है, जबकि नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 28 अक्टूबर को होगी, और नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है
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