मेरठ के डाहर गांव में दलित परिवार के 40 लोगों ने ‘मकान बिकाऊ है’ लिख खौफ से छोड़ा गांव, बेटे गौरव को जातिवादियों ने उतारा था मौत के घाट

Share News:

Meerut news : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खुले मंच से बुल्डोजर न्याय और तमाम तरह के दावे—वादे के साथ धमकियों वाले वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। वह कहते हैं कि उनके राज में गुंडे भाग चुके हैं, और प्रदेश में अमन कायम है, मगर उनके इस दावे की पोल यूपी के मेरठ में बहुत अच्छे तरीके से खुल जाती है। योगीराज में दलित किस तरह खौफ में है यह जानना हो तो मेरठ के एक गांव को देखा जा सकता है जहां दलित परिवार के 40 से भी ज्यादा लोग गांव छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं।

गौरतलब है कि मेरठ से सटे सरधना के थाना सरूरपुर क्षेत्र में स्थित डाहर गांव में दो माह पूर्व प्रेम प्रसंग में एक दलित युवक की हत्या लड़की के घरवालों द्वारा कर दी गयी थी। दलित युवा गौरव की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार आरोप लगा रहा है कि उन पर कश्यप जाति के आरोपी लगातार समझौते का दबाव बना रहे हैं। हमने पुलिस के पास इस संबंध में शिकायत दर्ज करायी, मगर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अब खौफ और डर के साये में जी रहे दलित युवा के परिवार से जुड़े 40 से ज्यादा दलित लोगों ने गांव छोड़ दिया है। पिछले सप्ताह 2 मई डाहर गांव में रहने वाले दलित समाज के 5 परिवार घरों पर ताला लगाकर चले गये हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने दलित समाज के इन लोगों को रोकने की बहुत कोशिश की, मगर पीड़ित परिवार दबंगों के डर से मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पां कर चले गए। हालांकि पुलिस जहां पीड़ित परिवारों को रोकने का दावा करती है, वहीं पीड़ित पुलिस पर दबंगों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते आये हैं।

गौरतलब है कि मेरठ के डाहर गांव में रहने वाले दलित युवक गौरव का पड़ोस में रहने वाली युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। चूंकि युवती कश्यप समाज से ताल्लुक रखती थी, इसलिए उसके परिजनों को दलित युवा के साथ उसका संबंध काबिले बर्दाश्त नहीं था। 10 मार्च को बहसूमा थाना क्षेत्र के जंगल में गौरव को मौत के घाट उतार दिया गया, और पीड़ित परिवार ने गौरव की हत्या का आरोप युवती के परिजनों और दोस्तों पर लगाया है।

जिन लोगों ने जातिवादियों के खौफ से बचने के लिए गांव छोड़ा है उनमें मृतक दलित युवक गौरव के पिता राकेश, चाचा रामनिवास, महेंद्र, राजेंद्र और दादी रोशनी समेत परिवार के 40 सदस्य शामिल हैं। वो लगातार कहते आ रहे थे कि आरोप उन पर समझौते का दबाव बना रहे हैं, धमकियां भी दी जा रही हैं। पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर रही इसलिए वह गांव छोड़कर गेट पर मकान बिकाऊ होने का पोस्टर भी चस्पां करके चलते बने। 2 मई को मृतक के परिवार के 40 लोग गाड़ी में घर का सामान लादकर गांव से चले गए और साथ में अपने मवेशियों को भी लेकर गये हैं।

हालांकि जहां पीड़ितों ने पुलिस पर आरोपियों पर ठोस कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था, वहीं पुलिस का कहना है कि उसने उन्हें गांव में ही रोकने की पूरी कोशिश की थी, मगर वह लोग कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। घंटों तक पुलिस द्वारा उनसे गांव में ही रुकने का निवेदन करने के बावजूद वो लोग गांव छोड़कर चले गये। थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार गौड़ ने मीडिया को बताया कि गौरव हत्याकांड में एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज है, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप गलत है।

गौरतलब है कि दलित युवक गौरव हत्याकांड में हत्यारोपियों में युवती के परिजनों और दोस्तों के अलावा एक भाजपा नेता का नाम भी सामने आया है। पुलिस द्वारा हालांकि इस मामले में दर्ज शिकायत के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, मगर लेकिन भाजपा नेता फरार हो गया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि भाजपा नेता ही उन पर समझौते के लिए लगातार दबाव बना रहा है और न मानने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *