आज (30 दिसंबर 2023) उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इस एयरपोर्ट का नाम “महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या धाम” रखा गया है। यही नहीं एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले पीएम नरेंद्र मोदी एक दलित महिला के घर भी गए और जानकारी ये भी है कि उन्होंने दलित महिला के घर जाकर चाय भी पी।
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इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एक निषाद परिवार को अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भी दिया है। बहरहाल, पीएम मोदी के इस अयोध्या दौरे के सियासी मायने निकाले जा रहे है। और कहा ये जा रहा है कि एयरपोर्ट का नाम “महर्षि वाल्मीकि” के नाम पर रखने के पीछे BJP का सीधा निशान 2024 के लोकसभा चुनावों में दलित वोट बैंक को साधना है..लेकिन कैसे आइए जानते हैं..
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अचानक बदला एयरपोर्ट का नाम :
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जारी है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी संपन्न हो जाएगा। पीएम मोदी खुद प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या जाएंगे। लेकिन उससे ठीक पहले उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया और अयोध्या एयरपोर्ट का नाम बदल दिया गया।
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पहले इस एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट था लेकिन अब इसे दलित समाज से आने वाले महर्षि वाल्मीकि के नाम पर जाना जाएगा। सियासी गलियारों में ये बात खूब दिलचस्पी के साथ कहीं जा रही है कि बीजेपी “राम मंदिर और महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट” के माध्यम से धर्म के साथ साथ दलित कार्ड खेलने की तैयारी में है।
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बीजेपी दलित महापुरुषों पर दे रही ज़ोर :
बीजेपी इस बात को भली-भांति जानती है कि महर्षि वाल्मीकि दलित समाज से आते है। वहीं देश में महर्षि वाल्मीकि को मानने वालो की एक बड़ी संख्या है। दलित समाज में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो महर्षि वाल्मीकि के अनुयायी हैं। ऐसे में बीजेपी दलित समीकरणों को साधने के लिए दलित महापुरुषों पर दांव लगा रही है।
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अयोध्या एयरपोर्ट का नाम “रामायण”महाकाव्य लिखने वाले “महार्षि वाल्मीकि के नाम पर रखना बीजेपी के इसी समीकरण का एक हिस्सा कहा जा रहा है। बताते चलें कि दलित वोट बैंक को साधने के लिए सिर्फ़ बीजेपी द्वारा “महर्षि वाल्मीकि” ही नहीं गुरु रविदास और डॉ. भीम राव अंबेडकर का भी सहारा लिया जा रहा है। गांव-गांव में जहां दलित आबादी ज्यादा है वहां बीजेपी द्वारा दलित महापुरुषों की प्रतिमाओं का निर्माण करवाया जा रहा है।
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निषाद राज का बनाएंगे मंदिर : बीजेपी
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या दौरे के दौरान पीएम मोदी ने एक निषाद परिवार को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए खुद आमंत्रित किया है। पीएम मोदी ने रवींद्र मांझी के घर पहुंचकर उन्हें 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने उन्हें ख़ुद न्योता लिखकर उनके परिवार को सौंपा. वहां एक बच्ची ने प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी ली। यही नहीं बीजेपी की अयोध्या में जिस राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसके परिसर में भगवान राम के समकालीन निषाद राज का मंदिर बनाने की भी योजना है।
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