बकरी और बंदर बने बाराती, ऊंट के साथ निकली बारात, दलित दूल्हे की अनोखी शादी बनी चर्चा का विषय

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डीग जिले में एक अनोखी शादी ने चर्चा बटोरी, जहां दलित दूल्हे की बारात में बकरी, बंदर, ऊंट, और पुरानी गाड़ियां आकर्षण का केंद्र रहीं। पुलिस सुरक्षा में निकली इस भव्य बारात ने समाज में एकता और सशक्तिकरण का संदेश दिया। लोक कलाकारों और बैंड-डीजे की धुनों पर बाराती झूमे, जबकि बारात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

डीग जिले में एक अनोखी शादी ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया। दलित परिवार के बेटे साहिल की शादी बबीता के साथ जिस धूमधाम से हुई, उसने परंपराओं और सामाजिक सीमाओं को तोड़ते हुए नई मिसाल पेश की। इस अनूठी बारात में बकरी और बंदर बाराती के रूप में नज़र आए, जिन्हें मेहमानों के बीच जमकर नचाया गया। दिल्ली से आई इस बारात ने जिले में ऐसा माहौल बनाया, जिसे देखने के लिए लोग सर्द रात में भी घंटों खड़े रहे। बारात शहर के घंटाघर से शुरू होकर हरिजन बस्ती तक निकली और पूरे मार्ग में इसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गोवर्धन मार्ग पर इतनी भीड़ हो गई कि लंबा जाम लग गया।

ऊंट, घोड़ा और पुरानी गाड़ियां बनीं आकर्षण का केंद्र

बारात की सबसे बड़ी खासियत थी ऊंट, घोड़ा और पुरानी जमाने की गाड़ियों का शामिल होना। आमतौर पर दलित समाज की बारातों में घोड़ी पर दूल्हे के बैठने का विरोध होता है, लेकिन इस बारात ने पुराने रीति-रिवाजों को तोड़ते हुए शानदार आयोजन किया। बैंड-बाजों और डीजे की धुनों पर झूमते बारातियों के साथ ऊंट और पुरानी गाड़ियां आकर्षण का केंद्र रहीं। बारात के मार्ग में देवी-देवताओं की भव्य झांकियां भी निकाली गईं, जिसने लोगों का दिल जीत लिया।

लोक कलाकारों और बकरी की धुन पर थिरके लोग

शादी समारोह में राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया। उनकी धुनों पर बाराती झूमते नजर आए। सबसे अनोखी बात यह रही कि बारात में शामिल बकरियों और बंदरों को भी लोकगीतों की धुन पर थिरकाया गया। इस अद्भुत नजारे को देखकर हर कोई आनंदित हो गया। यह बारात इतनी खास थी कि लोग इसे अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने से नहीं चूके।

पुलिस सुरक्षा के बीच निकली बारात, छतों पर उमड़ी भीड़

सामाजिक तानाबाना और असामाजिक तत्वों की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए बारात के लिए पुलिस का विशेष जाब्ता भी तैनात किया गया था। बारात के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। मुख्य बाजार और हरिजन बस्ती की ओर जाने वाले मार्ग पर लोगों की भीड़ इतनी अधिक थी कि सड़कों और मकानों की छतों पर भी लोगों ने खड़े होकर इस बारात का आनंद लिया।

सामाजिक संदेश के साथ हर्षोल्लास का माहौल

इस शादी ने न केवल सामाजिक सीमाओं को चुनौती दी बल्कि समाज में एकता और समरसता का संदेश भी दिया। साहिल और बबीता की शादी सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि दलित समाज के सशक्तिकरण और परंपराओं को नए रूप में पेश करने का प्रतीक बन गई। अनोखी बारात के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं।

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