दलित ग्राम विकास अधिकारी ललित बेनीवाल आत्महत्या केस में घटना के 8 दिन बाद पहली गिरफ्तारी, पुलिस पर उठ रहे सवाल

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राजस्थान का दलित अधिकारी आत्महत्या का मामला अब तक सुर्खियों में है। दरअसल 25 साल के दलित अधिकारी ललित बेनीवाल का शव बीते दिनों 18 फरवरी को उनके घर से बरामद हुआ था। अब इस मामलें में एक नया मोड़ सामने आया है जिससे दलित अधिकारी के परिवार को न्याय की उम्मीद मिली है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

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क्या था मामला ?

आपकों बता दें कि ललित बेनीवाल दलित समुदाय से थे और राजस्थान के नीमकाथाना जनपद के थोई थाने से क़रीब बारह किलोमीटर दूर चीपलाटा ग्राम पंचायत में कुमार बेनीवाल ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के पद पर कार्यरत थे। 2021 से 2023 तक जितने भी लेन देन और कार्यो का जांच करवाई थी जिसमें 520011 रुपये के सरकारी पैसे का गबन उजागर हुआ था। फिर अजीतगढ़ ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी (बीडीओ) अजय सिंह ने ग्राम विकास अधिकारी ललित कुमार बेनीवाल को इसके खिलाफ एक्शन के लिए कहा था। ललित बेनीवाल ने थोई थाने में 15 फ़रवरी को चीपलाटा सरपंच मनोज गुर्जर और पूर्व सरपंच बीरबल गुर्जर के ख़िलाफ़ सरकारी पैसे के गबन की एफ़आईआर दर्ज करवाई थी। जिसके बाद से ग्राम विकास अधिकारी ललित बेनीवाल को डराया धमकाया जा रहा था और उनका मामनसिक उत्पीड़न भी किया जा रहा था। डराने धमकाने मानसिक उत्पीड़न और गलत काम करने का दबाव बनाने के बारे में ललित ने अपने सुसाइड नोट में भी लिखा था। जिसे पुलिस ने ललित की लाश के पास से बरामद किया था।15 फ़रवरी को चीपलाटा सरपंच मनोज गुर्जर और पूर्व सरपंच बीरबल गुर्जर के ख़िलाफ FIR दर्ज होने के मात्र 3 दिन बाद 18 फरवरी को ललित ने आत्महत्या कर ली थी।

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मामले में नया मोड़ :

अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। दरअसल पुलिस ने इस मामले में 8 दिन बाद सोमवार 26 फरवरी को पहली गिरफ्तारी की है। पुलिस ने FIR में दर्ज नाम मनोज गुर्जर को घटना के 8 दिन बाद मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले के जांच अधिकारी अजीतगढ़ के डिप्टी एसपी राजेंद्र सिंह ने BBC से कहा कि “घटना के बाद से ही मनोज गुर्जर फरार था और बचने के लिए जगह बदल रहा था। पुलिस टीम ने मनोज गुर्जर को पुणे से 70 किलोमीटर दूर एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया है”।

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अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के तहत FIR दर्ज :

आपको बता दें कि इस मामले में 7 लोगों को दोषी माना गया है और अन्य लोगों की तलाश भी जारी है। डिप्टी एसपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 306 और 120 B और अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के तहत FIR दर्ज है।
आपकों बता दें कि ललित बेनीवाल ने चीपलाटा सरपंच मनोज, पूर्व सरपंच बीरबल,पंचायत कर्मचारी ठेकेदार समेत 7 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और टॉर्चर करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। जबकि ललित की मौत के बाद उसके परिजनों की शिकायत पर थोई थाने में पंचायत क्लर्क जगदेव, ठेकेदार पोखर, सरपंच मनोज गुर्जर, पूर्व सरपंच बीरबल गुर्जर, पूर्व ग्राम सेवक नरेंद्र प्रताप, अजीतगढ़ विकास अधिकारी और मंगल के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करवाई गयी थी।

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