दिल्ली में “फर्जी वोटर” विवाद: “अरविंद केजरीवाल फर्जी वोटर के दम पर बने थे मुख्यमंत्री….?”

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर यूपी-बिहार के लोगों को “फर्जी वोटर” कहने और उनके योगदान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने केजरीवाल को अन्ना हजारे को धोखा देने वाला और “सबसे बड़ा फर्जी” करार दिया। गिरिराज ने कहा कि दिल्ली के विकास में प्रवासी मजदूरों, खासकर दलितों और यूपी-बिहार के लोगों का अहम योगदान है, जिसे केजरीवाल नजरअंदाज कर रहे हैं। आगामी दिल्ली चुनाव में यह विवाद बड़ा मुद्दा बन सकता है।

दिल्ली, भारत की राजधानी, अपने विकास के लिए देशभर से आए लोगों पर निर्भर करती है। इसमें सबसे बड़ा योगदान यूपी और बिहार के मेहनतकश लोगों का है। ये लोग दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों जैसे निर्माण, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन में अपनी मेहनत से योगदान देते हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसी संदर्भ में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि केजरीवाल यूपी और बिहार के लोगों को “फर्जी वोटर” कहकर उनके योगदान का अपमान कर रहे हैं।

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गिरिराज सिंह: “जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद करते हैं केजरीवाल”

गिरिराज सिंह ने केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पहले भी बिहार और यूपी के लोगों को गालियां दी हैं। उन्होंने कहा था कि ये लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आकर यहां के संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि यह बयान उन लाखों लोगों के प्रति अपमानजनक है, जो अपनी मेहनत से दिल्ली को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अन्ना हजारे जैसे ईमानदार व्यक्ति को भी धोखा दिया। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति अन्ना हजारे को धोखा दे सकता है, वह किसी और के साथ क्या कर सकता है?”

केजरीवाल का “फर्जी वोटर” बयान और लोकतंत्र पर सवाल

अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में सोशल मीडिया पर भाजपा पर वोटर लिस्ट में हेरफेर का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में चुनाव प्रक्रिया में धांधली हो रही है। केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह पूर्वांचलियों और अन्य प्रवासियों को “फर्जी वोटर” बताकर उनके वोट कटवा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में शिकायत की और चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं की गई, तो दिल्ली में “लोकतंत्र की हत्या” हो जाएगी।

आप बनाम भाजपा: कौन सही, कौन गलत?

आम आदमी पार्टी ने खुद को पूर्वांचलियों और दलित समुदाय का हितैषी बताने की कोशिश की है। आप का दावा है कि उन्होंने पूर्वांचल से सांसद, मंत्री और विधायक बनाए। उनके बच्चों को शिक्षा दी और कच्ची कॉलोनियों में सड़कें बनवाईं। वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि आप का उद्देश्य केवल वोट बैंक की राजनीति करना है। गिरिराज सिंह ने कहा कि “केजरीवाल की राजनीति झूठ और फरेब पर आधारित है। वह अपने स्वार्थ के लिए कभी भी किसी भी समुदाय को अपमानित कर सकते हैं।”

दिल्ली के दलितों और आम जनता के साथ अन्याय?

दिल्ली के दलित और प्रवासी समुदाय, जो मेहनत से दिल्ली का निर्माण कर रहे हैं, ऐसे बयानों से आहत होते हैं। दलित और गरीब समुदाय के लोग न केवल दिल्ली में अपनी सेवाएं देते हैं, बल्कि इसके विकास की रीढ़ हैं। गिरिराज सिंह का कहना है कि “केजरीवाल जैसे नेता इन लोगों का अपमान करके केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि दिल्ली केवल आप या भाजपा की नहीं, बल्कि यहां रहने वाले हर व्यक्ति की है।”

चुनावी राजनीति में फंसी दिल्ली की जनता

दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने हैं, और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में भाजपा और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह लड़ाई केवल राजनीतिक है, या इसमें दिल्ली की आम जनता, खासकर दलित, यूपी-बिहार से आए लोग और गरीब तबके के हितों का भी ध्यान रखा जा रहा है?

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 राजनीति के शोर में दबती जनता की आवाज

गिरिराज सिंह और अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही जुबानी जंग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली की राजनीति केवल सत्ता के लिए लड़ी जा रही है। दलित, गरीब, और प्रवासी समुदाय के हितों की बात केवल बयानबाजी तक सीमित है। जरूरत है कि राजनीतिक दल अपने एजेंडे से ऊपर उठकर दिल्ली की जनता, खासकर दलित और वंचित तबकों के विकास और सम्मान के लिए काम करें। तभी दिल्ली सही मायनों में एक समावेशी और प्रगतिशील राजधानी बन पाएगी।

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