रामपुर में अंबेडकर के बोर्ड पर मचे बवाल के बाद मारे गये दलित युवा के हत्यारोपी पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा की उठी मांग

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रामपुर के सिलईबड़ा गांव में ग्राम पंचायत की लगभग डेढ़ बीघा जमीन की साफ सफाई कर अम्बेडकर पार्क बनाने के उद्देश्य से दलित समाज ने वहां अम्बेडकर की होर्डिंग लगायी थी, जिस पर विवाद ने हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया, और ​इस हिंसा की भेंट चढ़ गया 10वीं में पढ़ने वाला दलित छात्र सुमेश…

Rampur Violence :  27 फरवरी को उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद स्थित मिलक इलाके के सिलईबड़ा गांव में अंबेडकर की होर्डिंग लगाने का विवाद इतना बढ़ गया कि इसमें दसवीं में पढ़ने वाले एक दलित छात्र की मौत हो गयी, वो भी पुलिस की गोली से। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत की लगभग डेढ़ बीघा जमीन की साफ सफाई कर अम्बेडकर पार्क बनाने के उद्देश्य से दलित समाज ने वहां अम्बेडकर की होर्डिंग लगायी थी, जिस पर विवाद ने हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया।

सोशल मीडिया पर आये तमाम वीडियो इस बात की पुष्टि करने के लिए काफी हैं कि 17 वर्षीय दलित युवक सुमेश की मौत पुलिसकर्मियों की गोली से हुई थी। सुमेश का रिक्शा चलाने वाला भाई भी वीडियो में चीख-चीखकर कह रहा है कि उसकी हत्या जातिवादियों के ​कहने पर पुलिसवालों ने की है। वह वीडियो में कहता सुनायी दे रहा है कि ‘दो पुलिसवालों आदेश चौहान और ऋषिपाल ने छत पर चढ़कर गंगवारों के कहने पर हम पर गोलियां चलाई हैं। मेरा भैया मर गया। दो और लोग घायल हुए हैं।’

जाति उन्मूलन संगठन द्वारा जारी रिलीज में कहा गया है, ‘मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक अम्बेडकर की होर्डिंग का अनावरण करीब दो महीने पहले ग्राम प्रधान द्वारा किया जा चुका था। 17 वर्षीय सुमेश कुमार के शव का उनके परिवारजनों की इजाजत के बिना ही पुलिस प्रशासन द्वारा कर दिया गया। दुखद बात यह है कि ज्यादातर दलित हितैषी नेता इस दलित उत्पीड़न की घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। उदित राज ने घटना पर बयान दिया है। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद अगले दिन 28 फरवरी को घटनास्थल पर पहुंचे और 6 सूत्रीय मांगों के साथ दलित उत्पीड़न की घटना के विरोध में आंदोलन करने का प्रण लिया।

जाति उन्मूलन संगठन इस दलितों पर अत्याचार की घटना की निंदा करते हुए मोदी-योगी सरकार से यह मांग करता है कि सभी दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और देशभर में हो रहे दलितों पर अत्याचारों पर रोक लगाई जाये।

इस घटना में पीड़ित परिवार को न्याय देने और हत्यारोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग उठाने वाले संगठनों में जाति उन्मूलन संगठन, विकल्प मंच सहारनपुर, जाति उन्मूलन आंदोलन, ओपीडी आर, डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट, क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा फरीदाबाद, एनडीपीआई, सांस्कृतिक पहल, दलित ओ सँख्यालघुगन मंच (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।

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