Death Anniversary : मिसाइल मैन ए. पी. जे. अब्दुल कलाम: संघर्ष, समर्पण और सादगी की मिसाल

Share News:

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का नाम सुनते ही भारत के सबसे प्रिय वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति की छवि मन में उभर आती है। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और सादगी की मिसाल है, जो हर किसी को प्रेरित करता है। यहाँ उनके जीवन की दस महत्वपूर्ण बातें दी गई है, जो आपको उनके संघर्षों को नमन किए बिना रहने नहीं देंगी।

 1. सादा जीवन, उच्च विचार

अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका परिवार एक मछुआरे का था, और उनके पिता नाव बनाने का काम करते थे। परिवार आर्थिक तंगी में रहता था, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें उच्च विचार और सादगी की शिक्षा दी।

 2. शिक्षा में संघर्ष

अब्दुल कलाम को बचपन में अखबार बेचने का काम करना पड़ा ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। उन्होंने स्कूल में हमेशा अच्छे अंक प्राप्त किए और पढ़ाई के प्रति उनका जुनून कभी कम नहीं हुआ। उनकी यह मेहनत और समर्पण उन्हें मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) तक ले गया, जहाँ उन्होंने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

 3. वैज्ञानिक बनने का सपना

MIT में पढ़ाई के दौरान ही अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिक बनने का सपना देखा। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से इसे पूरा किया। वे मानते थे कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही देश को प्रगति की राह पर अग्रसर किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : राजस्थान में बढ़ रहे दलित अत्याचार के लिए ज़िम्मेदार कौन है?

 4. ISRO में योगदान

अब्दुल कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हुए और उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में योगदान दिया। उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (SLV-3) का नेतृत्व किया, जिसने 1980 में रोहिणी उपग्रह को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित किया। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

 5. मिसाइल मैन का खिताब

अब्दुल कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में काम किया और पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, आकाश और नाग जैसी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी इस उपलब्धि के कारण उन्हें “मिसाइल मैन” का खिताब मिला। उनकी यह योगदान देश की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में मील का पत्थर साबित हुआ।

6. पोखरण परमाणु परीक्षण

1998 में पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षणों में अब्दुल कलाम ने प्रमुख भूमिका निभाई। इन परीक्षणों ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बना दिया और विश्व में उसकी प्रतिष्ठा को बढ़ाया। यह उनकी वैज्ञानिक दृष्टि और दूरदर्शिता का परिणाम था।

 

यह भी पढ़ें : अगर हम अपने लोगों की आवाज नहीं उठा सकते तो हम क्या करेंगे पार्लियामेंट में : चंद्रशेखर आजाद

 7. भारत के राष्ट्रपति

अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। उन्हें “जनता का राष्ट्रपति” कहा जाता था, क्योंकि उन्होंने हमेशा आम जनता के हित में काम किया और उनसे सीधा संवाद किया। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी उन्होंने सादगी और ईमानदारी का पालन किया।

 8. शिक्षा के प्रति समर्पण

राष्ट्रपति पद से हटने के बाद, अब्दुल कलाम ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखा। वे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में व्याख्यान देते रहे और युवाओं को प्रेरित करते रहे। वे मानते थे कि युवा ही देश का भविष्य हैं और उन्हें सही दिशा में प्रेरित करना आवश्यक है।

 9. सादगी और ईमानदारी

अब्दुल कलाम अपने सादे जीवन और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। वे हमेशा साधारण कपड़े पहनते थे और खुद को जनता का सेवक मानते थे। उनके जीवन का हर क्षण सादगी और ईमानदारी का प्रतीक था।

यह भी पढ़ें : लोक सभा में चंद्रशेखर द्वारा पेश किए गए तीन गैर सरकारी विधेयक ” सामाजिक समानता और शिक्षा सुधार के महत्वपूर्ण कदम”

 10. अनमोल विरासत

27 जुलाई 2015 को शिलॉन्ग में व्याख्यान देते समय अब्दुल कलाम का निधन हो गया। उनके योगदान और विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें और उनके विचार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जीवन हमें सिखाता है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके संघर्ष और उपलब्धियाँ हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। उनके द्वारा स्थापित मूल्यों और आदर्शों को अपनाकर हम भी अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं और देश की सेवा कर सकते हैं। उनका जीवन एक ऐसी मिसाल है, जो हमें हर दिन कुछ नया सीखने और अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देता है। वे सही मायनों में “भारत के मिसाइल मैन” और “जनता के राष्ट्रपति” थे। उनके संघर्षों को नमन करते हुए, हम उनके विचार

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *