दलित के तोड़ दिए दांत: दबंगों ने बाइक पर बैठने की दलित को दी सजा, दो दिन तक थाने में नहीं लिखी रिपोर्ट

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छतरपुर में दलित युवक को ऊंची जाति के व्यक्ति के साथ बाइक पर बैठने पर दबंगों ने बेरहमी से पीटा, जिससे उसका दांत टूट गया। थाने में दो दिन तक सुनवाई नहीं हुई, तब युवक ने SP से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए।

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा थाना क्षेत्र में जातिगत भेदभाव का एक और दर्दनाक मामला सामने आया है। दलित युवक खेमचंद्र वंशकार को सिर्फ इसलिए मारपीट का शिकार होना पड़ा, क्योंकि वह एक ऊंची जाति के व्यक्ति के साथ बाइक पर बैठ गया था। घटना 9 नवंबर की है, जब खेमचंद्र अपने गांव केलई जा रहा था। रास्ते में उसे एक परिचित, जितेंद्र पाठक मिल गया, जिसने उसे अपनी बाइक पर लिफ्ट दे दी। लेकिन जितेंद्र के बड़े भाई बंटी पाठक ने जातिगत भेदभाव की वजह से इस सामान्य स्थिति को सहन नहीं किया और क्रूरता की हदें पार कर दीं। रास्ते में बंटी और उसके तीन अन्य साथियों ने मिलकर खेमचंद्र को लाठियों और डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे उसके शरीर पर गंभीर चोटें आईं और उसका सामने का एक दांत भी टूट गया।

“नीच जाति के हो, तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई?” – हमलावर का खौफनाक रवैया

खेमचंद्र के अनुसार, जब वह बाइक पर जा रहा था, तो किसी ने जितेंद्र के बड़े भाई को इसकी सूचना दे दी थी। बंटी पाठक अपने तीन साथियों के साथ रास्ते में खेमचंद्र को रोकता है और जातिगत गालियां देते हुए उस पर हमला कर देता है। हमलावर कहता है, “तुम नीच जाति के हो, मेरे भाई के साथ बाइक पर बैठने की तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई?” इसके बाद चारों हमलावर मिलकर खेमचंद्र को बुरी तरह मारते हैं और बंदूक की बट से उसके मुंह पर वार कर देते हैं, जिससे उसका एक दांत टूट जाता है।

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थाने में नहीं दर्ज की रिपोर्ट, न्याय के लिए एसपी ऑफिस में गुहार

दर्द से कराहते हुए खेमचंद्र ने जब स्थानीय बड़ा मलहरा थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी चाही, तो उसे वहां से निराशा ही मिली। थाने के अधिकारियों ने इस गंभीर मामले को दर्ज करने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जिससे पीड़ित और उसका परिवार दो दिनों तक भटकता रहा। हारकर खेमचंद्र ने अपने परिवार के साथ छतरपुर के एसपी कार्यालय का रुख किया, जहां वह अस्पताल से सीधे आया था और उसके हाथ में निडिल लगी हुई थी। खेमचंद्र ने अपने माता-पिता और पत्नी के साथ एसपी आगम जैन से न्याय की गुहार लगाई। एसपी कार्यालय में पहुंचकर खेमचंद्र ने अपनी पीड़ा को साझा किया और बताया कि किस तरह ऊंची जाति के लोगों ने उसे बर्बरतापूर्वक पीटा।

एसपी ने दिए जांच के आदेश: हर पहलू से होगी जांच

छतरपुर के एसपी आगम जैन ने खेमचंद्र की शिकायत सुनकर तुरंत जांच के आदेश दिए और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि बड़ा मलहरा थाना प्रभारी के अनुसार, पहले यह मामला एक्सीडेंट का प्रतीत हो रहा था। लेकिन अब चूंकि युवक ने स्पष्ट तौर पर जातिगत भेदभाव के कारण मारपीट की शिकायत की है, इसलिए हर पहलू की जांच की जाएगी। आगम जैन ने बताया कि यह मामला न केवल मारपीट का है, बल्कि इसमें जातिगत भेदभाव का स्पष्ट संकेत है, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

दलितों पर जातिगत अत्याचार की बढ़ती घटनाएं और प्रशासन की भूमिका पर सवाल

यह घटना समाज में जातिगत भेदभाव की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। खेमचंद्र जैसे दलित युवक को केवल इसलिए हिंसा का शिकार होना पड़ा, क्योंकि उसने ऊंची जाति के व्यक्ति के साथ बाइक पर बैठने की “हिम्मत” की। इससे यह सवाल उठता है कि क्या आज भी समाज में दलितों को समान अधिकार और स्वतंत्रता नहीं मिल सकती? वहीं, प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। पुलिस द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज न करने की वजह से खेमचंद्र को अपने इलाज की हालत में भी एसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय की गुहार लगानी पड़ी।

इस घटना ने प्रशासनिक संवेदनशीलता और पुलिस की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जातिगत भेदभाव से जुड़े मामलों में त्वरित न्याय और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है, ताकि समाज में डर और असमानता का माहौल न फैले। एसपी कार्यालय में पहुंचकर खेमचंद्र का शिकायत करना प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी चेतावनी है कि उन्हें जातिगत अत्याचारों के मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए।

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जातिगत भेदभाव और अत्याचार के खिलाफ एकजुटता की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर दलितों और हाशिए के समुदायों के प्रति समाज के कुछ वर्गों में व्याप्त भेदभाव को उजागर कर दिया है। खेमचंद्र जैसे दलित युवकों पर हो रहे अत्याचार समाज को चेतावनी देते हैं कि जातिगत भेदभाव और असमानता का जहर अब भी समाज में गहरे तक फैला हुआ है। समय की मांग है कि ऐसे मामलों में सभी जाति, वर्ग और समुदाय के लोग एकजुट होकर न केवल भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएं, बल्कि इन अत्याचारों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाएं।

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