खेत में काम से लौट रही दलित महिला पर हमला, कपड़े फाड़े, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग और जान से मारने की धमकी का आरोप

Share News:

महिला ने खेत में काम से लौटते समय अभद्रता, मारपीट और धमकी का लगाया आरोप, पुलिस ने की शिकायत की अनदेखी, न्यायालय के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ केस

सोनभद्र के घोरावल तहसील के दुबखिली गांव की रहने वाली दलित महिला कुसुम के साथ हुए अत्याचार का मामला सामने आया है, जिसमें महिला ने गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा अभद्रता, मारपीट और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया है। इस गंभीर मामले में पुलिस ने न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद आरोपी के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया है।

Supreme Court: दलित इंजीनियर की 22 हड्डियां तोड़ने वाले कांग्रेस के पूर्व MLA को करना होगा सरेंडर

घटना का विवरण

घटना का विवरण देते हुए कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल ने बताया कि महिला द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, 20 जुलाई की शाम करीब छह बजे वह अपने खेत पर काम खत्म करके घर लौट रही थी। जब वह घर से करीब एक किलोमीटर दूर अपने खेत के पास पहुंची, तो उसने देखा कि गांव के ही विजेन्दर यादव ने उसकी धान की नर्सरी में अपनी भैंस चरने दी थी। महिला ने जब विजेन्दर को मवेशियों को खेत में घुसाने से मना किया, तो आरोप है कि विजेन्दर ने गुस्से में आकर उस पर हमला कर दिया। महिला ने बताया कि विजेन्दर ने न केवल उसे अपमानित किया, बल्कि लात-घूसों से मारा-पीटा, उसके कपड़े फाड़े और जाति सूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया। इसके अलावा, विजेन्दर ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी, जिससे वह भयभीत हो गई।

परिवार में भय और न्याय की गुहार

घटना के बाद, कुसुम किसी तरह अपने घर पहुंची और अपने पति संजू को घटना की पूरी जानकारी दी। पति संजू और परिवार इस घटना से बेहद आहत हुए। अगली सुबह महिला और उसके पति ने घोरावल पुलिस थाने में जाकर पूरे मामले की शिकायत की। लेकिन, पुलिस द्वारा मामले को हल्के में लिया गया और कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित परिवार के लिए यह स्थिति बेहद निराशाजनक थी।

न्यायालय का हस्तक्षेप और न्याय की उम्मीद

जब पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो महिला ने न्यायालय का रुख किया। न्यायालय में प्रार्थना पत्र के जरिए महिला ने न्याय की गुहार लगाई और बताया कि उसे न्याय पाने के लिए किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। न्यायालय ने महिला के मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस को मामले की जांच कर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए, स्थानीय कोतवाली पुलिस ने आरोपी विजेन्दर यादव के खिलाफ अभद्रता, जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।

बहुजन मुद्दों पर आवाज उठाने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल बने आईबी मिनिस्ट्री में मीडिया एडवाइज़र

महिला के लिए इंसाफ की उम्मीद

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही सारे तथ्यों को सामने लाया जाएगा। महिला का यह संघर्ष यह भी दिखाता है कि किस प्रकार पीड़ित परिवार न्याय पाने के लिए एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़ते हैं।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *