जब देश में पिछड़े या पसमांदा दो शब्दों का जिक्र होता है तो बहुत से लोग इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि क्या सिर्फ खुद को पिछड़ा कह कर भारतीय समाज की जड़ों तक पहुंच चुके पिछड़ेपन को खत्म किया जा सकता है? बल्कि जरूरी ये है की पिछड़ों को एकजुट हो कर अपने हक़ और अधिकारों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।
इसी कोशिश और सोच को ध्यान में रखते हुए दलित पसमांदा कलेक्टिव एंड जस्टिस प्रोजेक्ट ने एक वेबिनार आयोजित किया इस वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पूर्व सांसद और ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के अध्यक्ष अली अनवर अंसारी और असिस्टेंट प्रोफेसर और दलित चिंतक डॉ हवलदार भारती शामिल रहें।
यह भी पढ़े : बीएसपी का “गांव चलो अभियान” आइए जानते हैं क्या है इस अभियान का एजेंडा
अली अनवर अंसारी जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि “देखिए जाति,पिछड़ा और भेदभाव भारतीय समाज की नसों में बसा हुआ है इसलिए ही आप पिछड़ेपन के जो सवाल हिंदू समाज में देखते हैं वहीं सवाल मुसलमानों में भी हैं,इसलिए दलितों और पसमांदा समाज को साथ आकर अपने दुख और सुख का साथी बनना होगा।
दूसरे वक्ता के तौर मौजूद हवलदार भारती जी का कहना था कि ” दलित और पसमांदा अगर साथ मिलकर अपनी समस्याओं पर बात करें और आवाज उठाएं अपनी संख्या के बल पर ये दो समूह मिलकर देश की सत्ता तक पहुंच सकते हैं इसलिए सांझी समस्या का हल इन दोनो समूहों मिल कर ढूंढना चाहिए।
यह भी पढ़े : यूथ आइकन आकाश आनंद के जन्मदिन पर जानिए उनके बारे में
इस वेबिनार में कुश अंबेडकरवादी,जीशान सईदी,शुजात क़ादरी,ताजुद्दीन समेत कई एक्टिविस्ट लोग वेबिनार में शामिल हुए और इन महत्वपूर्ण विचारों को सुना। दलित पसमांदा कलेक्टिव जस्टिव ने जिस तरह से अपने इस प्रोजेक्ट की शुरआत की है वो सामाजिक तौर पर काफी महत्व रखता है।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।