श्मशान की जमीन को अपना बताते हुए गांव के दबंगों ने दलित समुदाय के बच्चे की अंतिम संस्कार के लिए लाई गई सामग्री गांव के दबंगों ने नहर में फेंकी, गांव वालों में आक्रोश किया धरना प्रदर्शन,इससे 2 माह पहले भी गांव रीलखा में सपेरा समाज के व्यक्ति की मौत होने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया था। इसके विरोध में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था।
KANPUR NEWS : उत्तरप्रदेश से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। दरअसल उत्तरप्रदेश में दलित समुदाय के बच्चे की अंतिम संस्कार के लिए लाई गई सामग्री गांव के दबंगों ने नहर में फेंक दी। इस घटना से लोग आक्रोश में है और इस घटना के खिलाफ लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। क्या है पूरा मामला जानिए।
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क्या है पूरा मामला :
ये पूरा मामला उत्तरप्रदेश के जिले कानपुर में दकनौर कोतवाली क्षेत्र के बांजरपुर गांव का है। जहां पर बुधवार रात 8 बजे दलित समुदाय के सिद्धार्थ नाम के लड़के की बीमारी की वजह से मौत हो गई थीं। जब परिजन उसके शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे तब गांव के कुछ दबंगों ने अंतिम संस्कार की सामग्री नहर में फेंक दी। इस घटना से गांव वाले काफी गुस्सा हुए और इस घटना के खिलाफ गांव वालों ने धरना प्रदर्शन भी किया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गईं और लोगों को शांत करवाया। पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
श्मशान की जमीन को अपना बताया :
दरअसल बांजरपुर गांव के रहने वाले रोहित का 8 साल का बेटा फिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था । काफी इलाज के बाद भी ठीक नहीं हुआ और बुधवार देर शाम उसकी मौत हो गई। परिजन व गांव के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट पर पहुंचे। आरोप है कि श्मशान की जमीन को अपनी बताते हुए गांव के दबंगों ने अंतिम संस्कार की सामग्री को नहर में फेंक दिया। इसके बाद दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए। गांव के नजदीक नहर पर हंगामा करते हुए गांव वालों जाम लगा दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने गांव वालों को विश्वास दिलाया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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गांव वालों ने क्या कहा ?
ग्रामीणों का कहना है कि मौजूदा समय में वह गांव के मिश्रित श्मशान घाट पर ही अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। लेकिन कुछ लोग इसका विरोध करते हैं। दलित समाज के लोगों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से श्मशान के लिए जमीन की मांग की थी। राजस्व दस्तावेजों में दलित समाज के लिए अलग से श्मशान घाट दर्ज किया गया, लेकिन चिह्नित की गई जमीन गांव के दबंगों के कब्जे में है।
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कोतवाली प्रभारी का बयान :
कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच कर सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में सिद्धार्थ के दादा पप्पू सिंह ने 2 नामजद समेत 5 आरोपियों के खिलाफ लिखित शिकायत की है । इससे 2 माह पहले भी गांव रीलखा में सपेरा समाज के व्यक्ति की मौत होने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया था। इसके विरोध में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था।
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