बिहार: गोपालगंज में एयरपोर्ट के लिए दलितों की बस्ती उजाड़ रही है सरकार

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बिहार के गोपालगंज में सबेया एयरपोर्ट चालू होने की कवायद तेज हो गई है। सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन की पहल के बाद एयरपोर्ट को विकसित करने का काम चल रहा है। कई सालों से इस हवाई अड्डे को चालू करने की मांग की जा रही थी जिसके बाद अब सासंद आलोक कुमार सुमन की पहल पर इसे चालू करने का काम किया जा रहा है। एक तरफ जहाँ गोपालगंज हाईटेक होने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है वहीं सबेया में स्थित महादलित बस्ती के लोगो में अपने सर की छत उजड़ने का डर सता रहा है।

सबेया हवाई अड्डे की कुल जमीन 338 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। सरकार का कहना है कि यहाँ 1011 लोगो ने जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है। रक्षा मंत्राल्य द्वारा इन 1011 लोगो को चिन्हित किया गया था। वहीं उन्हें जमीन से उनकी बेदखली के लिए रक्षा मंत्राल्य ने रक्षा संपदा अधिकारी को (DEO) दानापुर को सूची भी सौंपी थी। सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को भेजी गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सबेया हवाई अड्डा की 338 एकड़ क्षेत्र पर 1011 अतिक्रमणकारियों की पहचान की गई है। जिन्होंने हवाई अड्डा की जमीन पर कृषि उपयोग, कच्चा मकान और पक्के मकान का निर्माण किया है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले के आलावा आसपास के खाड़ी देशों में रहने वालें लोगों के लिए सबेया हवाई अड्डा खुशी का विषय है तो वहीं इलाके में स्थित महादलित बस्ती को लोगों के लिए ये आचनक सर पर पड़ी मुसिबत है। बहरहाल, सबेया हवाई अड्डे को उड़ान योजना में शामिल करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारी भूमि की मैपिंग कर रहे है।

वहीं जिला प्रशासन और सरकार की कार्यवाही से इतर दलित बस्ती का कहना है कि ये बस्ती मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर 1991 में बसाई गई थी। तत्कालीन सीएम ने ही महादलित बस्ती में कॉलोनी का निर्माण करवाया था। स्कूल सड़क समेत इंदिरा आवास योजना के तहत मकान और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया था। सरकारी योजनाओं पर सरकारी रुपए खर्च कर बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए सुविधाएं भी मुहैया कराई थी।

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बिहार के लोकल मुद्दों को कवर करने वाली एक वेबसाइट के मुताबिक, बस्ती में रहने वाली सुनीता देवी, बोथा नट औऱ भीखू का कहना है कि, ”लालू प्रसाद हम लोगों को यहां बसाए है। हम गरीब लोग है। मजदूरी कर परिवार चलाते है।“

उन्होंने आगे बताया कि “ये हमारा घर है, इसे छोड़ कर हम कहाँ जाएंगे ? इसके अलावा हमारी रहने की  व्यवस्था नहीं है। अब यहाँ हवाई जहाज की उड़ान होगी लेकिन जिस सरकार ने हमे यहाँ बसाया वही सरकार हम लोगो को यहाँ से उजाड़ रही हैं। हमलोग कहा जाएंगे, क्या खायेंगे, और कैसे रहेंगे। स्थानीय लोगो का कहना है कि या तो सरकार हमें रहने के लिए कॉलोनी दे नही तो हम लोग यहीँ मर जाएंगे, लेकिन यह जमीन खाली नही करेंगे।“

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