लखनऊ ब्यूरो: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Ex CM Akhilesh Yadav) ने रविवार को सपा कार्यकारिणी को भंग कर दिया है. इसमें राष्ट्रीय स्तर (National Level) से लेकर प्रादेशिक स्तर (State Level) की सभी विंग शामिल है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम को उनके पद से नही हटाया है. अखिलेश यादव ने आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर (Rampur) में हुए लोकसभा (Lok Sabha Election) उपचुनाव में मिली करारी हार के मद्देनजर यह फैसला लिया है. कहा जा रहा है कि अखिलेश ने दोनों जिलों के जिला अध्यक्षों से समीक्षा रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद रिपोर्ट मिलने पर कार्यकारिणी भंग की गई.
नरेश उत्तम बनाएगें नई टीम
अखिलेश यादव ने कार्यकारणी भंग करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को नई टीम बनाने के लिए कहा है. उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ चुनाव की हार के बाद अखिलेश यादव ने दोनों जिला अध्यक्षों से समीक्षा रिपोर्ट मांगी थी. अखिलेश ने नई टीम के गठन के लिए चार समिति के सदस्य नामित करने को लेकर भी सुझाव मागे है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से सपा उ.प्र. के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय,राज्य, जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 3, 2022
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आजमगढ़ से हारे धर्मेद्र यादव
यूपी की आजमगढ़ लोकसभी सीट से बीजेपी उम्मीदावार भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ मैदान में थे तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी से धर्मेद्र यादव चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन नतीजे आने के बाद धर्मेद्र यादव करीब दस हजार वोटों से हार गए. धर्मेंद्र यादव अखिलेश के चचेरे भाई है. आपको बताते चलें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी.
आजम खान के करीबी को मिली हार
रामपुर को समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस सीट पर हुए उपचुनाव में एक तरफ बीजेपी के घनश्याम लोधी चुनाव मैदान में थे तो दूसरी तरफ सपा के आसिम राजा. लेकिन यहां भी सपा कुछ कमाल नही कर पाई और लगभग 42 हजार वोटों से आसिम राजा हार गए. बताते चलें कि इसी साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में जेल में बंद आजम खान चुनाव जीत कर विधायक बने थे और रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था.
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