मामला नूंह का है जहां कुआं पूजन करने जा रही दलित महिलाओ पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इस बात से गुस्साएं स्थानीय लोगों ने पथराव करने के विरोध में प्रदर्शन कर दिया। क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।
यह भी पढ़ें:दलित साहित्य में ओमप्रकाश वाल्मीकि के योगदान के बारे में क्या जानते हैं आप ?
क्या है पूरा मामला :
दरअसल मामला गुरुग्राम के नूंह का है जहां गुरुवार 16 नवंबर की शाम को दलित महिलाएं कुआं पूजन करने जा रहीं थीं। तभी वहां कुछ लोगों ने उन पर पथराव कर दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि यह पथराव मदरसे से किया गया है।
यह भी पढ़ें:छत्रपति शाहू जी महाराज के बारे में क्या ये सब जानते हैं आप ?
इस घटना में कई महिलाएं घायल भी हुई हैं। इस घटना के बाद दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए। जिसकी वजह से तनाव का माहौल हो गया था।
यह भी पढ़ें:जातिसूचक शब्द का विरोध करने पर दलित युवक को बेरहमी से पीटा
मदरसे से पथराव:
ऐसा कहा जा रहा है कि वार्ड नंबर 10 के निवासी दयाराम के बेटे दीपू को बेटा हुआ था। इस अवसर पर घर और आसपास की महिलाएं कैलाश मंदिर कुआं पूजन के लिए जा रही थीं। जाते समय उन पर किसी ने पत्थर फेंक दिए पर महिलाओं ने इसे अनदेखा कर दिया। लेकिन आते वक्त शहर के बड़े मदरसे से उन पर फिर पत्थर फेंके। इसमें कई महिलाओं को चोट आई।
यह भी पढ़ें:जल, जंगल और ज़मीन का महत्व समझाने वाले बिरसा मुंडा के बारे में क्या ये जानते हैं आप ?
एसपी नरेंद्र सिंह बिजारनिया का बयान:
इस मामले में एसपी नरेंद्र सिंह का कहना है कि “8 महिलाओं की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली गई है। मदरसे से जो फुटेज सामने आई है जिसके आधार पर तीनों लड़कों की पहचान कर ली गई है। इन तीनों को राउंड अप कर लिया गया है और अब इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
यह भी पढ़ें:शिक्षा के लिए कलाम और डॉ अम्बेडकर के योगदान को जानते हैं आप ?
हम तीनों लड़कों से पूछताछ कर रहे हैं कि यह घटना क्यों हुई हुआ। तीनों बच्चे नाबालिग हैं। हम महिलाओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच करेंगे। स्थिति नियंत्रण में है, और दोनों समुदायों के नेताओं को सुबह बुलाया गया था।“
यह भी पढ़ें:नीतीश कुमार ने दलितों का किया अपमान, संवैधानिक पद के लायक नहीं
डीएसपी वीरेंद्र सिंह का बयान:
इस मामले में वीरेंद्र सिंह ने कहा कि “हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच चल रही है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यहां के लोगों ने घटना की जांच की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है और हमने पहले ही इसकी शुरुआत कर दी है। लोग इस पर सहमत हो गए हैं। मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।“
यह भी पढ़ें:सेक्स एजुकेशन पर डॉक्टर अंबेडकर ने क्या कहा था? जानिए
नारेबाजी की गई :
गुरुवार को पीड़ित के परिवार और कुछ लोगों द्वारा पथराव का विरोध प्रदर्शन भी किया गया। लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की और सड़क को भी जाम कर दिया। इस दौरान बड़े मदरसे के मुफ्ती जाहिद भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया। मामला जब गंभीर हो गया तब वहां पुलिस के कप्तान नरेंद्र बिजारनिया घटनास्थल पर पहुंचे। और जमा भीड़ को खदेड़ दिया। पुलिस कप्तान ने उस दौरान कहा कि जो भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा।
यह भी पढ़ें:सरकारी और प्राइवेट नौकरी करने वालों को डॉ अम्बेडकर की ये बातें याद रखनी चाहिए
पुलिस कप्तान ने मोर्चा संभाला:
मामला दो समुदाय का होने को काऱण घटना की जानकारी तुरंत फैल गई। थोड़ी देर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। कुछ लोगों ने मौके पर आकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने तुरंत मोर्चा संभाला।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।