कभी मिनी दुबई के नाम से पहचान रखने वाले रेशम नगर के नाम से प्रसिद्द मुबारकपुर विधानसभा में कांग्रेस को 1980 व सपा को 1993 में आखिरी बार सफलता मिली थी। 1996 से मुबारकपुर विधानसभा में लगातार बसपा का कब्जा रहा है।
बसपा का गढ़ माने जाने मुस्लिम बाहुल्य मुबारकपुर में लगभग साढ़े तीन लाख कर करीब मतदाता है जिसमे 1 लाख 84 हजार के करीब पुरुष मतदाता व 1 लाख 68 हजार के करीब महिला मतदाता है।
1980 के चुनाव में कांग्रेस के दूधनाथ ने इस सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार सफलता दिलाई थी जबकि सपा भी केवल एक बार 1993 में ही इस सीट पर जीत हासिल कर सकी है। जिसके बाद 1996 से बसपा लगातार इस सीट पर हावी रही है।
1996 में बसपा के टिकट से यशवंत व 2002 – 2007 के चुनाव में चंद्रदेव ने जीत हासिल की थी। बसपा की जीत का ये सिलसिला यही नहीं रुका । इसके बाद भी बसपा के टिकट से शाह आलम गुड्डू दो बार 2012 व 2017 में कब्जा जमा चुके है।
मुस्लिम बाहुल्य मुबारकपुर सीट का अनुमानित जातिगत आकड़ा देखे तो इस सीट पर 1 लाख 20 हजार मुस्लिम, 82 हजार दलित, 65 यादव, 18 हजार राजभर, 15 हजार चौहान, 10 हजार क्षत्रिय, 6 हजार ब्राह्मण व अनुसूचित जाती की 30 हजार अन्य जातियाँ शामिल है।
एक समय में मुबारकपुर को मिनी दुबई भी कहा जाता था। लोग दूर दूर से यहाँ काम की तलाश में आते थे लेकिन एक दंगे ने इस रेशमी शहर की चमक में अँधेरा डाल दिया। अब यहाँ के लोगो को काम की तलाश में खाड़ी देशो में जाना पड़ता है।
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