मीरापुर उपचुनाव में दलित समाज का रुझान आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस बार दलित समाज का समर्थन बसपा से हटकर ASP के उम्मीदवार जाहिद हुसैन को मिल रहा है।
मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में खास महत्व रखता है। इस चुनावी मैदान में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और आजाद समाज पार्टी (ASP) के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। पिछला चुनाव रालोद ने जीता था, लेकिन इस बार चुनावी समीकरणों में खास बदलाव देखने को मिल रहा है। मीरापुर का दलित समाज, जिसने लंबे समय से बसपा को समर्थन दिया था, अब तेजी से चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई वाली आजाद समाज पार्टी की ओर झुकता नजर आ रहा है। ASP के उम्मीदवार जाहिद हुसैन के समर्थन में खुलकर बयान देने वाले दलित समुदाय के लोग, इस बार ASP को एक नया नेतृत्व और उम्मीद मान रहे हैं। यह बदलाव बसपा के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, जो यहां वर्षों से दलित समाज के समर्थन पर निर्भर रही है।
मीरापुर में दलित समाज का बदलता रुझान: ASP की ओर बढ़ता समर्थन
मीरापुर के दलित समाज के साथ हुई बातचीत से यह बात साफ नजर आती है कि वे इस बार ASP के उम्मीदवार के पक्ष में मजबूती से खड़े हैं। चंद्रशेखर आजाद का नाम सुनते ही दलित समुदाय के लोगों के चेहरे पर उत्साह देखा गया, और उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि दलित समाज अपने नए नेता को अपनाए। ASP के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की बढ़ती लोकप्रियता और उनके द्वारा उठाए गए सामाजिक मुद्दों ने दलित समाज को प्रभावित किया है। लोगों का कहना है कि ASP न केवल उनके अधिकारों की रक्षा करेगी बल्कि उनकी आवाज को भी राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का माद्दा रखती है। ASP के उम्मीदवार जाहिद हुसैन को एक सशक्त नेता मानते हुए दलित समुदाय का मानना है कि वह उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए सही व्यक्ति हैं।
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी: दलित समाज की शक्ति ASP के लिए अहम
उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलित समाज का महत्वपूर्ण स्थान रहा है, और मीरापुर उपचुनाव में ASP के समर्थन का रुझान बड़े बदलाव का संकेत देता है। यह उपचुनाव केवल एक सीट का चुनाव नहीं है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए दलित समाज के रुख का भी संकेत हो सकता है। आजाद समाज पार्टी की रणनीति में जातीय समुदायों को अपने पक्ष में करना अहम है, और इस दिशा में चंद्रशेखर आजाद की नेतृत्व क्षमता उनकी पार्टी के लिए सकारात्मक साबित हो सकती है।
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उपचुनाव का परिणाम: यूपी की राजनीति पर असर
मीरापुर समेत नौ विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं, जिनका परिणाम 23 नवंबर को घोषित होगा। इन उपचुनावों में ASP का बढ़ता प्रभाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में बसपा की घटती पकड़ का भी संकेत है। कांग्रेस पार्टी ने इंडिया गठबंधन के समर्थन में इन उपचुनावों से दूरी बना ली है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। मीरापुर के दलित समाज में ASP के प्रति बढ़ता समर्थन राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है।
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