दलित युवक को लात-घूंसों से पीटा, फिर चेहरे पर किया पेशाब, वीडियो वायरल

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यूपी में दलित युवक को दबंगों ने लात-घूंसों से पीटने के बाद चेहरे पर पेशाब किया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच जारी है।

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है, जिसमें एक दलित युवक के साथ न केवल मारपीट की गई, बल्कि उस पर अमानवीय अत्याचार करते हुए उसके चेहरे पर पेशाब भी किया गया। यह घटना शक्तिनगर थाना क्षेत्र के चिल्काड़ाड़ गांव की है, जहां पवन खरवार नामक युवक को कुछ दबंग युवकों ने घेरकर इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया। इस पूरी घटना का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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ये है मामला

26 सितंबर की शाम को बैरियर संख्या एक के पास पवन खरवार को अंकित भारती और उसके साथियों ने घेर लिया। पहले तो उन्होंने पवन की बेरहमी से पिटाई की, फिर उनमें से एक युवक ने उसके चेहरे पर पेशाब कर दिया। इस दौरान बाकी युवक न केवल खड़े होकर यह घृणित कृत्य देखते रहे, बल्कि इसका वीडियो भी बनाते रहे। वीडियो में पवन की शर्ट खून से लथपथ दिखाई दे रही है और वह जमीन पर बैठा हुआ है, जबकि एक युवक उस पर पेशाब कर रहा है।

पुलिस की कार्रवाई

वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अंकित भारती को गिरफ्तार कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर कठोर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, और पीड़ित पवन खरवार की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

घायल पवन का इलाज

घटना के बाद पवन खरवार अपने भाई शिव कुमार के साथ मध्यप्रदेश के बैढ़न चला गया, जहां उसका इलाज चल रहा था। बुधवार को जब वह वापस शक्तिनगर आया, तो उसके भाई शिव कुमार ने इस घटना की जानकारी ट्वीट के माध्यम से पुलिस अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय को दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पवन और उसके भाई से मामले की जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

न्याय की मांग

यह घटना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की एक और कड़ी है। दलित समाज और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है। इस मामले ने एक बार फिर से इस बात को उजागर किया है कि जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न आज भी समाज में जड़ें जमाए हुए हैं, और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई और न्याय की आवश्यकता है।

समाज में रोष

घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और सरकार से तुरंत न्याय दिलाने की मांग की है। समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए सख्त कानूनों और जागरूकता अभियानों की भी आवश्यकता बताई जा रही है, ताकि इस प्रकार के जघन्य अपराधों की पुनरावृत्ति न हो सके।

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क्या पवन को न्याय मिल पाता?

हालांकि, सवाल यह उठता है कि अगर यह वीडियो वायरल न होता, तो क्या पवन को न्याय मिल पाता? क्या प्रशासन इतनी तेजी से कार्रवाई करता? यह घटना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव का एक भयावह उदाहरण है, जहां आज भी दलितों को उनकी जाति के आधार पर अपमानित और प्रताड़ित किया जाता है। पवन खरवार की कहानी एक व्यक्ति की पीड़ा और संघर्ष की कहानी नहीं है, यह उस पूरे दलित समाज की कहानी है जो सदियों से समानता और सम्मान के लिए लड़ रहा है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि समाज में जातिवाद की जड़ें कितनी गहरी हैं, और जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी, तब तक ऐसे अमानवीय कृत्य होते रहेंगे।

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