हरदोई के केसरीपुर से हटाई गयी बाबा साहेब आम्बेकर की मूर्ति, चुनाव के बाद संविधान भी हटाने की तैयारी

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उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की सण्डीला तहसील की ग्राम सभा मण्डौली के केसरीपुर गांव के लोगों ने ग्राम प्रधान मालती की लिखित सहमति से इस वर्ष 11 फरवरी को गांव के हुनमान मंदिर के निकट डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति रखवाई। इस मूर्ति का अनावरण अम्बेकर जयंती को दिन में आयोजित एक कार्यक्रम में हुआ। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य नन्हे लाल भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान या मूर्ति रखे जाने के लेकर 14 अप्रैल तक किसी किस्म का कोई विवाद किसी से नहीं हुआ।
शाम को 7 बजे 31 जीपों, एक बस व एक जे.सी.बी. मशीन के साथ पुलिस पहुंची। लोगों के विरोध करने के बावजूद रात को बारह बजे तक पहले खुद व बाद में ग्राम प्रधान के पति राज बहादुर को बुला कर उसके लोगों को लगवा कर मूर्ति हटवा दी गई और उसका चबूतरा तोड़ दिया गया।

 

सवाल यह है कि बगल में हनुमान मंदिर भी है। यदि लोगों की आस्था का एक केन्द्र गांव में रह सकता है तो लोगों की दूसरी आस्था के केन्द्र को बुलडोजर लगाकर हटाने के पीछे क्या मंशा है? 20 नामजद व एक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और सुरेश पुत्र रूपन को एक दिन सण्डीला थाने पर रख जेल भेज दिया गया है। जब गांव के ही अशोक सुरेश का खाना लेकर थाने गए तो उन्हें भी थाने पर बैठा लिया गया। अभी तो डॉ अम्बेडकर की मूर्ति हटाई गई है। यदि इस लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की 400 से ज्यादा सीटें आ गई तो सम्भवतः भारत का संविधान भी हटा लिया जाएगा।

कल गांव में आयोजित एक बैठक में ग्रामीणों ने तय किया कि यदि मतदान के दिन 13 मई की सुबह 7 बजे तक डॉ अम्बेकर की मूर्ति को प्रशासन वापस लाकर नहीं लगाता है तो लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे।

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