2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर क्या है बसपा की रणनीति ? पढ़िए

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बहुजन समाज पार्टी में वापस आने के बाद आकाश आनंद का कद बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है. 18 मई को दिल्ली में बसपा की ऑल इंडिया मीटिंग में बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को बसपा का चीफ नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था वहीं अब खबर ये है कि यूपी 2027 के चुनावों को लेकर आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूपी में विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र नई टीम बनाने का काम शूरू हो गया है वहीं ये जो टीम हैं वो आकाश आनंद के नेतृत्व में बनाई जा रही हैं. इसमें काम न करने वाले मंडल प्रभारियों को हटाकर उनके स्थान पर युवा नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. वहीं बसपा अगले छह महिने तक सदस्यता अभियान चलाएगी जिसके जरिए बड़ी संख्या में लोगों को पार्टि से जोड़ने का काम किया जाएगा.

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बिहार और यूपी चुनावों को लेकर बसपा सुप्रीमो पूरी तरह एक्शन में हैं. मायावती ने आकाश आनंद को बिहार चुनाव में स्टार प्रचारक भी बनाया है. वहीं अब यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर आकाश आनंद पर भरोसा जताया है. इसी के साथ अगर यहाँ ये कहा जाए कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद के जरिए युवाओं को साधने की कोशिश की है तो गलत नहीं होगा.

2024 के लोकसभा चुनाव हो या हरियाणा के विधानसभा चुनाव या दिल्ली विधानसभा चुनाव ही क्यों ना हो आकाश आनंद के बेबाक अंदाज़ ने युवाओं का रूख बसपा की तरफ मोड़ा था. आकाश आनंद एक जोशिले नेता की तरह जब मंच से बोलते थे तो लोगों को उनमें एक नई उम्मीद दिखती थी. इतना ही नहीं लोग उन्हें बसपा की कमान संभालने वाला नेता कहने लगे थे. और शायद यही चीज़ देख कर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद पर भरोसा जताया था.

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लेकिन वह कहते हैं ना कि सियासत एक चीज़ देती है तो दस चीज़े छीन भी लेती है. आकाश आनंद के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ. 2017 में राजनीति में एंट्री हुई.  2019 में मायावती ने आकाश को पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया था. इसके बाद मायावती ने 10 दिसंबर 2023 को आकाश को उत्तराधिकारी घोषित किया था। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान सात मई 2024 को उनको अपरिपक्व बताते हुए इस पद से हटा दिया गया था।

चुनाव खत्म होने के बाद 23 जून 2024 को मायावती ने आकाश को फिर से उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक बनाया. इसके बाद आकाश ने हरियाणा विधानसभा चुनाव और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी का नेतृत्व किया. लेकिन मार्च 2025 में आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त करते हुए मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से ही निकाल दिया था. हालांकि आकाश की सार्वजिनक माफी के बाद मायावती ने  आकाश पर फिर भरोसा जताया और पार्टी में उन्हें वापस ले लिया.

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अब आकाश के कंधों पर बिहार विधानसभा चुनाव और 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी है. बता दें कि इसी साल यानी 2025 के आखिरी महीने में बिहार विधानसभा चुनाव होनें हैं. इस बार बसपा ने 2027 के चुनावों को देखते हुए विधानसभा और बूथवार संगठन को मजबूत करने पर ज़ोर दिया है. यहाँ सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा रही है. इतना ही नहीं है। मायावती ने लखनऊ में बैठक के दौरान संगठन विस्तार की समीक्षा के दौरान नाराजगी जताई थी। इसीलिए मंडलीय व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। मंडल स्तर पर तीन से चार प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद टीम बी में जिला स्तर पर जिम्मेदारियां दी हैं।

सूत्रों का कहना है कि मंडलीय प्रभारियों की सूची जारी करते हुए यह निर्देश दिया गया है कि संगठन विस्तार के काम को तेजी दी जाए। अगली बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी कि किस मंडल द्वारा कितना काम किया गया है। बेहतर काम न करने वाले प्रभारियों को छह महिने में फिर हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारियां दी जाएंगी। आकाश आनंद जल्द ही नए प्रभारियों से मिल सकते हैं।

 

बसपा के नए मंडल प्रभारी

  • लखनऊ- धनश्याम चंद्र खरवार, शमसुद्दीन राइन, मौजी लाल गौतम
  • झांसी व चित्रकूट- लाला राम अहिरवार
  • प्रयागराज- धनश्यम चंद्र खरवार, राजू गौतम
  • वाराणसी- दिनेश चंद्रा, रामचंद्र गौतम, डा. विनोद कुमार
  • मिर्जापुर- अमरेंद्र बहादुर पासी, गुड्डूराम, विनोद बागड़ी

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