क्या महात्मा ज्योतिराव फुले ‘दलित’ शब्द का प्रयोग करने वाले पहले व्यक्ति थे ?

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महात्मा ज्योतिबा फुले जातिव्यवस्था के कट्टर विरोधी थे। वह भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने में मह्मवपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज ही के दिन यानी 28 नवंबर, 1890 को 63 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था। आइये उनकी पुण्य तिथि पर आपको बताते है उनसे जुड़ी कुछ खास बातें ..

 

  •  ज्योतिबा फुले  एक समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। अपना पूरा जीवन स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने, बाल विवाह को बंद कराने, समाज को कुप्रथा और अंधश्रद्धा के जाल से मुक्त कराने में बीता।

 

  • समाज में जागरूकता, चेतना जगाने के लिए उन्होंने गुलामगिरी, तृतीय रत्न, छत्रपति शिवाजी, राजा भोसला का पखड़ा, किसान का कोड़ा औऱ अछूतों की कैफियत जैसी पुस्तकें लिखी।
file photo (dalit times)
  • ज्योतिबा फुले ने ब्राह्मण-पुरोहित के बिना ही विवाह-संस्कार आरम्भ कराया जिसे मुंबई उच्च न्यायालय से भी मान्यता मिली। वे बाल-विवाह के सख्त विरोधी और विधवा-विवाह के बहुत बड़े समर्थक थे।

 

  • महात्मा ज्योतिबा फुले ने साल 1848 में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्‍कूल खोला था। पुणे में खोले गए उनके पहले स्‍कूल में लड़कियों को पढ़ाने के लिए जब कोई योग्य अध्यापिका नहीं मिलीं तो उन्होंने यह जिम्मेदारी अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को सौंपी।

 

  • उच्च वर्ग के लोगों ने आरंभ से ही उनके काम में बाधा डालने की कोशिश की लेकिन जब फुले नहीं रूके तो उनके पिता पर दबाब डालकर ज्योतिबा फुले औऱ सावित्री बाई को घर से निकालवा दिया। इससे उनका काम कुछ समय के लिए रुका जरूर लेकिन जल्द ही उन्होंने एक के बाद एक लड़कियों के लिए तीन स्कूल खोल दिए।

 

  • दलितों और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए ज्योतिबा फुले ने 1873 में ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की।

 

  • ज्योतिराव फुले के समाज सेवा से प्रभावित होकर 1888 में मुंबई की एक सभा में महात्मा की उपाधि से नवाजा गया।

 

  • साल 1848 में जब ज्योतिबा फुले अपने एक ब्राह्मण दोस्त की शादी में भाग लेने पहुंचे तो वहाँ निम्न जाति का होने के कारण खूब जलील किया गया। उसी समय उन्होंने सामाजिक असमानता को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई की।

 

  • शिक्षा के साथ-साथ फुले दंपति ने विधवाओं के लिए आश्रम, विधवा पुनर्विवाह,  नवजात शिशुओं के लिए आश्रम, कन्या शिशु हत्या के खिलाफ भी आवाज बुलंद की।

 

  • महात्मा ज्योतिबा फुले और उनके संगठन के संघर्ष का परिणाम ही था कि सरकार को ‘ऐग्रिकल्चर ऐक्ट’ पास करना पड़ा।  

 

  • महात्मा ज्योतिराव फुले को ‘दलित’ शब्द का प्रयोग करने वाला पहला व्यक्ति माना जाता है हालांकि यह सिर्फ एक मान्यता है कि निचली जातियों को सम्मानजनक संबोधन के लिए दलित शब्द चुना गया और दलित शब्द का प्रयोग करने वाले पहले व्यक्ति महात्मा ज्योंतिबा फुले थे। 

 

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