लखनऊ में पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत के बाद मामला गरमा गया है। परिजनों ने पुलिस पर पिटाई से हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया। घटना पर बसपा प्रमुख मायावती, सांसद चंद्रशेखर आजाद, सपा नेता आरके चौधरी सहित कई नेताओं ने सरकार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकास नगर क्षेत्र में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। अमन गौतम नामक 24 वर्षीय दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस हिरासत में मौत होने पर समाज के विभिन्न तबकों में गहरा रोष है। शुक्रवार की रात, पुलिस ने विकास नगर के सेक्टर-8 इलाके में जुआ होने की सूचना पर कार्रवाई करते हुए अमन गौतम और उसके दोस्त सोनू को हिरासत में लिया था। बताया जा रहा है कि पुलिस पीआरवी नंबर 4830 की टीम मौके पर पहुंची और उन्हें थाने ले आई, जिसके कुछ देर बाद अमन की मौत हो गई। इस घटना ने क्षेत्र में भारी आक्रोश पैदा कर दिया, और अमन के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसे बुरी तरह पीटकर मारा गया है।
पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी
घटना के तुरंत बाद, परिजनों और स्थानीय लोगों ने खुर्रमनगर चौराहे पर इकट्ठा होकर सड़क जाम कर दी और पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि अमन के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए, अमन का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया। हालांकि, परिजनों ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत बर्बर पिटाई के कारण हुई है।
मायावती जी ने दी प्रतिक्रिया
घटना के बाद राजनीतिक दलों ने भी इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पुलिस की बर्बरता को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला किया। मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा, “उप्र की राजधानी लखनऊ के मोहल्ला गंजरहापुरवा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क में घूमने गए एक दलित युवक के साथ कल शाम पुलिस की बर्बरता से हुई मौत की घटना अति दुःखद है।” उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाए।
चंद्रशेखर आजाद ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला किया
रविवार को इस घटना ने और अधिक राजनीतिक रंग तब ले लिया जब नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद, मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी और सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया विकास नगर पहुंचे और अमन गौतम के परिजनों से मुलाकात की। चंद्रशेखर आजाद ने इस मौके पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि इस मामले में जितने भी दलित संगठन हैं, उन्हें आगे आना चाहिए। उन्होंने मांग की कि जिस तरह विवेक तिवारी हत्याकांड में मुआवजा और नौकरी दी गई थी, उसी तरह अमन के परिवार को भी उत्तर प्रदेश सरकार नौकरी और मुआवजा दे। उन्होंने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
अमन की मौत को लेकर सियासत और तेज
इस बीच, अमन की मौत को लेकर सियासत और तेज हो गई है। बसपा, सपा और अन्य दलित संगठनों ने इस मामले में न्याय की मांग को लेकर एकजुटता दिखाई है। अमन के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने बर्बरता से पिटाई की, जिसके कारण उनकी जान गई। वहीं, पुलिस का दावा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई है। इसके बावजूद, चार पुलिसकर्मियों, जिनमें सिपाही शैलेंद्र भी शामिल हैं, पर गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
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इस घटना से न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरे प्रदेश में दलित समुदाय में आक्रोश फैल गया है। अमन की मौत के बाद से लगातार राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं और मामले को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।
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