प्रतापगढ़ में भाजपा विधायक के बेटे पर दलितों की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है। वायरल वीडियो में वह पुलिस के साथ दलित परिवार को धमकाते हुए जमीन से बाहर निकालते हुए नजर आ रहे हैं। पीड़ित परिवार ने एसपी से शिकायत की है, और पुलिस जांच कर रही है। भाजपा की किरकिरी हो रही है, जबकि पार्टी नेताओं ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
UP News : प्रतापगढ़ जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां भाजपा के सदर विधायक राजेंद्र मौर्य के बेटे पिंटू मौर्य पर दलितों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगा है। यह घटना बेनीपुर गांव की बताई जा रही है, जहां पिंटू मौर्य ने दर्जनों लोगों के साथ अपनी स्कॉर्पियो में पहुंचकर दलितों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस की मौजूदगी में दलित परिवार को जबरन घर से बाहर निकालकर ताला बंद किया जा रहा है। वीडियो के कारण न सिर्फ पिंटू मौर्य बल्कि पूरी भाजपा सरकार की किरकिरी हो रही है, जो “सबका साथ, सबका विकास” का दावा करती है।
सत्ता के नशे में चूर विधायक के बेटे की धमकियां
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पिंटू मौर्य ने न केवल उन्हें जमीन खाली करने की धमकी दी, बल्कि उनका अपमान भी किया। सत्ता के नशे में चूर विधायक के बेटे के इस कदम से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इस घटना के बाद पीड़ित दलित परिवार एसपी अनिल कुमार के कार्यालय पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। एसपी ने मामले की जांच का आश्वासन देते हुए आवश्यक विधि कार्रवाई करने की बात कही है। इससे पहले भी विधायक के बेटे पर जमीन कब्जाने के आरोप लग चुके हैं, और अक्सर ही किसी न किसी विवाद के कारण वे मीडिया में सुर्खियां बटोरते रहते हैं।
विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरा, पार्टी नेताओं ने साधी चुप्पी
विधायक के बेटे के इस कारनामे ने विपक्ष को भाजपा सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। विपक्षी दलों ने भाजपा के “सबका साथ, सबका विकास” के नारे को लेकर सवाल उठाए हैं और इसे झूठा करार दिया है। उनके अनुसार, भाजपा सरकार दलितों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल हो रही है। हालात यह हैं कि भाजपा के जिला अध्यक्ष समेत किसी भी नेता ने इस मामले पर खुलकर टिप्पणी नहीं की है। पार्टी के अंदर भी इस विषय पर नाराजगी है, लेकिन कोई भी सार्वजनिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।
पुलिस की जांच पर टिकी नजरें, क्या होगा दलित परिवार को न्याय?
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित वीडियो को सबूत के तौर पर लेकर कार्रवाई करने की बात कही है। दलित परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन वायरल वीडियो ने आम जनता में काफी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग भाजपा विधायक के बेटे के इस रवैये से नाराज हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग खुलकर इस घटना की निंदा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं।
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विधायक के बेटे की करतूत से भाजपा की छवि पर लगा धब्बा
भाजपा विधायक के बेटे के इस कथित अपराध से न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि भाजपा की “सबका साथ, सबका विकास” की छवि पर भी गहरा धक्का लगा है। लोग अब यह सवाल उठाने लगे हैं कि क्या सत्ता में होने का मतलब यह है कि कोई कानून से ऊपर हो जाता है? क्या दलित समाज के लोगों को न्याय नहीं मिलेगा? यह सवाल अब आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन चुका है।
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