उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी (ASP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को तेज कर रही हैं। 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में भाजपा, ASP और BSP के बीच कड़ी टक्कर है
UP by poll election : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में भाजपा, ASP और BSP के बीच कड़ी टक्कर है, लेकिन अब बसपा की भी उपस्थिति इन चुनावों को और रोचक बना रही है। दरअसल बसपा (बहुजन समाज पार्टी) करीब डेढ़ दशक बाद एक बार फिर से उपचुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी कर रही है, जिसका ऐलान खुद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने किया है। मायावती के इस निर्णय के पीछे कई राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं।
इसे देखें : रायपुर में गरजे चंद्रशेखर आजाद: बलौदाबाजार हिंसा मामले पर कहा- जेल में बंद भाइयों की रिहाई नहीं हुई तो…
BSP के उम्मीदवारों की घोषणा
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बसपा (बहुजन समाज पार्टी) ने अभी तक जिन उम्मीदवारों को घोषित किया है, निम्नलिखित उम्मीदवारों को पार्टी ने नामित किया है:
- मीरापुर (मुजफ्फरनगर): शाह नजर
- मिल्कीपुर (अयोध्या): राम गोपाल कोरी
- मझवा (मिर्जापुर): दीपू तिवारी
- कटेहरी (अम्बेडकर नगर): अमित वर्मा
- फूलपुर (प्रयागराज): शिवबरन पासी
इन नामों की घोषणा बसपा के विधानसभा कार्यक्रमों में की गई है, और इन्हें संबंधित विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी भी नियुक्त किया गया है। पार्टी जल्द ही आधिकारिक उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी।
राजनीतिक समीकरण साधने का प्रयास
मायावती शायद इस बार सिर्फ उपचुनाव की बजाय 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक समीकरण साधने का प्रयास कर रही हैं। बसपा का यह आक्रामक रुख दर्शाता है कि मायावती अपने पारंपरिक वोट बैंक (दलित और पिछड़े वर्ग) को पुनः सक्रिय करने और अन्य दलों के वोट शेयर को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।
हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या मायावती इस चुनावी रणनीति से कुछ हासिल कर पाएंगी या स्थिति 2017 और 2022 की तरह ही रहेगी, जबब सपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी।
आजाद समाज पार्टी की तैयारियां तेज
वही दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी (ASP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों ही पार्टियां अपनी तैयारियों को लेकर काफी सक्रिय हैं। आजाद समाज पार्टी, जो अक्सर अपने समाजिक न्याय के मुद्दों को लेकर चर्चा में रहती है, बता दें , चंद्रशेखर आजाद की पार्टी, आजाद समाज पार्टी (ASP), ने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है। गाजियाबाद सदर सीट के लिए चौधरी सतपाल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट के लिए जाहिद हसन, और मिर्जापुर की मझवां सीट के लिए धीरज मौर्या को उम्मीदवार घोषित किया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ ने यह जानकारी दी और यह भी बताया कि बाकी सात सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी। यह कदम पार्टी की रणनीति का हिस्सा है, जिससे वे उपचुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही हैं।
इसे देखें : गोल्डन गर्ल’ ने लगातार 2 गोल्ड जीतकर रचा इतिहास, जानियें अवनी लेखरा की संघर्ष की कहानी
बीजेपी पार्टी की तैयारियां तेज
उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति को धार देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजयुमो (भारतीय जनता युवा मोर्चा) के सदस्यता अभियान का आगाज किया है। इस अभियान का उद्देश्य पार्टी के युवा सदस्यों की संख्या बढ़ाना और उनकी सक्रियता को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान को संबोधित करते हुए युवा नेताओं को पार्टी की नीतियों और विचारधारा का प्रचार करने की दिशा में प्रेरित किया। उनका लक्ष्य है कि सदस्यता अभियान के माध्यम से पार्टी की पहुंच को व्यापक बनाना और उपचुनाव में पार्टी की ताकत को बढ़ाना है। इस योजना के तहत, भाजयुमो के कार्यकर्ता जनसंघर्ष और संपर्क अभियान के जरिए नए सदस्यों को जोड़ने का प्रयास करेंगे और पार्टी के विकास और चुनावी रणनीति को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
दोनों पार्टियां अपनी-अपनी चुनावी रणनीतियों को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं और उम्मीद कर रही हैं कि उनकी मेहनत और योजनाएं उपचुनाव में उनके लिए लाभकारी साबित होंगी।
उत्तर प्रदेश की इन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
- करहल (मैनपुरी)
- कटेहरी (अम्बेडकर नगर
- मिल्कीपुर (अयोध्या)
- कुंदरकी (मुरादाबाद)
- खैर (अलीगढ़)
- गाजियाबाद सदर (गाजियाबाद)
- फूलपुर (प्रयागराज)
- मीरापुर (मुजफ्फरनगर)
- मझवा (मिर्जापुर)
- सीसामऊ (कानपुर)
इन उपचुनावों में भाजपा, ASP और बसपा सभी प्रमुख दल अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने की संभावना है।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।