मध्यप्रदेश से राजस्थान तक तीन बड़े मामले, जहां जातिवादियों ने रोकी दलितों की शादी

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मंगलवार को उत्तर प्रदेश के संभल में जातिवादियों द्वारा बारात न चढ़ने देने की धमकी के बाद पुलिस की सुरक्षा में दलित बेटी की शादी शांति के साथ संपन्न हो गई। यही नहीं पुलिस के जत्थे के साथ देर रात बारात पूरे गांव में भी घुमाई गई। मामला उत्तर प्रदेश के जनपद संभल के थाना गन्नौर के गांव घुघायी का है।

यादवों ने कहा बारात नहीं चढ़ने देंगे:

जानकारी के अनुसार मंगलवार को उत्तरप्रदेश के संभल में बाल्मिकि समाज के घर में दलित बेटी की शादी होनी थी लेकिन गांव के यादवों औऱ प्रधान ने दलित परिवार को धमकी दी कि वह दलित की बारात को गांव में नहीं चढ़ने देंगे। सोशल मडिया पर इससे जुड़ी दो वीडियो भी शेय़र की गई है जिसमें दलित लड़की कविता जिसकी शादी थी वह कह रही थी कि, “7 फरवरी को शादी है सभी तैयारियाँ हो चुकीं है लेकिन गांव के कुछ लोगों ने धमकी दी है कि वह बारात नहीं चढ़ने देंगे”

पूरे गांव में अकेला घर है दलितो का:

वहीं एक औऱ वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं जिसमें लड़की की भाभी आरती ने कहा कि पूरे गांव में बस एक हमारा ही मकान है जो बाल्मिकि का है। पीढ़ित ने आगे बताया कि गांव के यादवों औऱ प्रधान ने मिलकर उन्हें धमकी दी है कि उनकी बारात को गांव में नहीं चढ़ने देंगे। वीडियो में आरती ने आगे कहा कि सभी मेहमान आ चुकें हैं, लेन देन की भी सभी तैयारियाँ हो चुकीं है लेकिन यादवों की धमकी से पूरा घर सहमा हुआ है कि अगर बारात नहीं आई तो शादी कैसी होगी..?

पुलिस से मांगी मदद:

वीडियो में आरती कह रही है कि घर के बड़े लोग यानी आरती की सास औऱ ससुर ने प्रधान से मदद मांगी लोकिन प्रधान ने कोई मदद नहीं की। ये पूछे जाने पर कि प्रधान ने ऐसा क्यों किया तो आरती बताती है कि चुनावों में हमनें (गांव के एकमात्र दलित परिवार ने) प्रधान को वोट नहीं दिया था इसलिए प्रधान उनकी मदद नहीं कर रहा है। वह कपती हैं कि परिवार के बड़े लोगो ने पुलिस से मदद मांगी है, अब पुलिस ही मदद कर सकती है

संभल में दलित बेटी कविता की शादी के दौरान की तस्वीरे (image : social media)

पूरे गांव में घूमी बारात:

भारत समाचार की रिपोर्ट के मुताबिक दलित बेटी कविता की शादी 7 फरवरी को होनी थी। जिसके पहले गांव के यादवों ने और प्रधान ने गांव में बारात नहीं चढ़ने देने की धमकी दी। पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस से शिकायत के बाद कविता की शादी शांतिपूर्ण और धूमधाम से हुई।

पुलिस की निगरानी में चढ़ी कविता के दूल्हे की बारात (image : social media)

 

यही नहीं पुलिस की मौजूदगी में बारात न केवल चढ़ी बल्कि पूरे गांव में बारात और दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर घुमाया गया।
हालांकि कुछ मीडिया वेबसाइट के मुताबिक दलित परिवार बेटी को शादी में बुलेट दे रहे थे जिसका विरोध करते हुए यादवों और प्रधान ने बारात न चढ़ने देने की धमकी दी थी।

एक हफ्ते में देश में ये तीसरा मामला :

संभाल में दलित बेटी कविता की शादी पुलिस की सुरक्षा में बड़े धूमधाम से हुई। लेकिन इससे पहले मध्यप्रदेश के उज्जैन में 3 फरवरी को एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां सवर्णो ने दलित युवक अर्जुन सोलंकी के परिवार को धमकी दी थी कि अर्जुन की बारात नहीं चढ़ने देंगे। हालांकि पुलिस की मदद से अर्जुन की बारात बाबा साहेब अंबेडकर और तथागत बुद्ध के गीतों के साथ गांव में चढ़ी। इसके बाद ऐसा ही मामला राजस्थान के रामगढ़ से सामने आया जहां गांव के जातिवादियों ने दलित बेटी पूजा की शादी न होने देने की धमकी दी है। जातिवादियों ने दलित परिवार के घर तक जाने का रास्ता भी रोक दिया है। जिसके बाद न्याय के लिए पीड़ित परिवार सचिवालय के समाने धरने पर बैठ गया। हालांकि सचिव ने पुलिस सुरक्षा में शादी करवाने का आश्वासन दिया है।

पुलिस की ये कार्यवाही उन जातिवादियों के मुंह पर तमाचा है जो जाति के आधार पर आज भी ये बताते हैं कि कौन घोड़ी पर चढ़ेगा और कौन नहीं, कौन मूछें रखेगा और कौन नहीं। बहरहाल, पुलिस ने ये शादियां तो अपनी देख रेख में करवा दी है लेकिन सवाल ये है कि दलितों के साथ ऐसी घटनाएं घटना कब बंद होंगी..?? जातिवादियों द्वारा कभी घोड़ी चढ़ने के नाम पर तो कभी महंगे तोहफे देने के विरोध में दलितों की शादी में कब तक रोक लगाई जाएगी..?

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