• दलित रसोईया के भोजन बनाने पर स्कूल में भोजन नही करते गैर दलित बच्चे
• महिला प्रधान के निरीक्षण में हुआ सनसनीखेज खुलासा
• शिकायत पर भड़के जिम्मेदार , जिम्मेदारों पर अपमानित करने का आरोप
उत्तरप्रदेश के सीतापुर के ग्रामीण इलाके से आने वाली खबर हमे आज भी सोचने पर मजबूर कर रही है। प्रदेश में जहां सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए करोड़ो रुपये शासन द्वारा खर्च किए जा रहे है वहीं आज भी सामंतवादी विचारधारा के चलते कुछ परिषदीय विद्यालयों का हाल बेहाल है। सीतापुर के गांजरी इलाके में बने परिषदीय विद्यालय में आज भी सामंतवादी मानसिकता हावी है। आलम यह है कि सेवता द्वितीय विद्यालय में जिस दिन अनुसूचित जाति की रसोईया खाना बनाती है उस दिन गैर अनुसूचित बच्चे भोजन ही नही करते हैं। यह सनसनीखेज आरोप जिलाधिकारी सीतापुर को भेजे गए पत्र में विकासखंड रेउसा की ग्राम पंचायत सेवता की ग्राम प्रधान अनीता ने लगाए हैं। जिलाधिकारी को लिखी गई शिकायत में ग्राम प्रधान अनीता ने यह भी जानकारी साझा की है कि,
“ग्राम पंचायत के तीनों परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान यह सामने आया है कि इन विद्यालयों में ढंग से पढ़ाई नहीं होती है। कक्षा चार व पांच के बच्चों को न तो सौ तक गिनती आती है और न ही पहाड़ा आता है।”
प्रधान की शिकायत सुनते ही भड़के खंड शिक्षा अधिकारी :
जब अपनी ग्राम पंचायत सेवता के परिषदीय विद्यालयों का हाल बताने के लिए ग्राम प्रधान अनीता ने खंड शिक्षा अधिकारी से बात की और उन्हें बताया कि परिषदीय विद्यालय में न तो ढंग से पढ़ाई हो रही है और न ही बच्चों को अच्छी बातें सिखाई जा रही हैं बल्कि विद्यालय में जातिवाद को बढ़ावा देकर भेदभाव को बढ़ाया जा रहा है। यह शिकायत सुनकर खंड शिक्षा अधिकारी रामजनक वर्मा प्रधान अनीता पर भड़क गए। ग्राम प्रधान अनीता के अनुसार शिकायत सुनकर नाराज खंड शिक्षा अधिकारी ने उनसे भी जातिसूचक शब्दों के साथ गलत तरीके से बात की। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी सीतापुर से पत्र के माध्यम से ग्राम प्रधान द्वारा की गई है।
क्या है पूरा मामला :
रेउसा विकासखंड की सेवता ग्राम पंचायत से ग्राम प्रधान अनीता देवी ने बीती 30 अगस्त को अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र के तीनों परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय सेवता द्वितीय में अव्यवस्थाओं की भरमार थी। ग्राम प्रधान को विद्यालय के रसोई घर में गंदगी दिखाई दी जहाँ बच्चों के लिए मिड डे मील बनाया जाता है। प्रधान को सोई में एक दिन पहले के गंदे बर्तन भी पड़े दिखाई दिए।
इस विद्यालय में तीन रसोईया तैनात हैं। जिन्होंने कई बार विद्यालय में फैल रहे जातिवादी भेदभाव की शिकायत विद्यालय के इंचार्ज से मौखिक रूप से की पर लेकिन इंचार्ज ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। तैनात तीन रसोइयों में से दो पिछड़ी जाति और एक अनुसूचित जाति की है। अनुसूचित जाति की रसोईया ने निरीक्षण के दौरान ग्राम प्रधान अनीता को बताया कि जिस दिन वह स्कूल का मिड डे मील बनाती है उस दिन गैर अनुसूचित बच्चे स्कूल में भोजन नहीं करते हैं।
ग्राम प्रधान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जब खंड शिक्षा अधिकारी रामजनक वर्मा से बात की तो वह पूरी शिकायत सुनकर भड़क गए और ग्राम प्रधान अनीता देवी को अपमानित करने लगे। खंड शिक्षा अधिकारी ने जातिसूचक शब्द प्रयोग करते हुए प्रधान अनीता से कहा तुम क्या जानो स्कूल के बारे में वहां सब सही चल रहा है। हालांकि, मामले में ग्राम प्रधान अनीता देवी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।