कैसा नारी सशक्तिकरण : गैंगरेप पीड़ित बेटी के इंसाफ़ के लिए कोतवाली गई थी मां, इंस्पेक्टर ने किया बलात्कार

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नारी सशक्तिकरण की बात करने वाले लोगो को ज़रा अपनी आंखे खोल कर अपने चारों ओर देखना चाहिए कि जितनी महिलाएं सश्क्त हो रही है उससे दोगुनी महिलाएं अपराध का शिकार भी हो रही हैं। हालिया मामला उत्तरप्रदेश का है जहाँ एक पुलिस वाले ने अपनी वर्दी की गरिमा को दागदार कर दिया। ये शर्मनाक कारनामा कन्नौज के सदर कोतवाली के चौकी इंचार्ज ने किया है। जिसने अपनी बेटी के गैंगरेप की शिकायत करने चौकी पहुंची एक मां के साथ बलात्कार किया।

पीड़ित महिला अपनी 17 साल की बेटी के साथ हुए गैंगरेप की शिकायत लेकर थाने पहुंची थी। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी चौकी इंचार्ज अनूप मोर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आरोपी अनूप मौर्य ने इंसाफ़ मांगने आई महिला को जांच के बहाने बुलाया और फिर अपनी हवस का शिकार बनाया।

प्रतिकात्मक तस्वीर

पीड़ित महिला अपनी बेटी के साथ हुए गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराना चाहती थी। आरोपी कुछ दिन पहले ही इंस्पेक्टर पद पर प्रमोट हुआ था। एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि फॉरेसिंक और अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है. कन्नौज की रहने वाली महिला की 17 साल की बेटी के साथ गैंगरेप हुआ था। रिपोर्ट सदर कोतवाली में दर्ज कराई जाने के बाद इसकी जांच हाजी शरीफ चौकी इंचार्ज अनूप मौर्य को सौंपी गई थी।

लेकिन बेटी के गुनहगारों को पकड़ने के बजाए इंस्पेक्टर ने उल्टे घिनौने जुर्म को अंजाम दिया। 28 अगस्त को जांच के लिए आरोपी दरोगा ने महिला को बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया जिसकी शिकायत महिला ने कोतवाली में की। इस मामले का खुलासा होते ही एसपी ने सीओ सिटी शिव प्रताप सिंह को मामले की जांच सौंपी है।

हालांकि उत्तरप्रदेश में ये कोई पहला मामला नहीं है, पुलिस पर लगातार इस तरह के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। इसी महीने वाराणसी में पुराना पुल के चौकी इंचार्ज पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए ज़हर खा लिया था. महिला ने चौकी इंचार्ज पर अपनी बेटी के साथ शादी का वादा कर उसका दैहिक शोषण करने का आरोप लगाया था।

आरोपी चौकी इंचार्ज का नाम संग्राम सिंह है। महिला के ज़हर खाने के बाद आरोपी चौकी इंचार्ज को निलंबित कर जांच शुरु कर दी गई थी। इसी साल अप्रैल में ललितपुर में एसएचओ तिलकधारी सरोज पर बलात्कार का आरोप लगा था. 13 साल की बच्ची अपने साथ हुए गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराने थाने गई थी। तभी उसका थाने के ही कमरे में एसएचओ ने बलात्कार किया. इस मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया था और विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया था।

 

 

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