अपनी गायकी से समाज की कुरीतियों को उजागर करने वाले दलित पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला को 36 साल पहले जातिवादियों ने उतारा था मौत के घाट !

समाज की विभिन्न बुराइयों पर चिंतन करने के अलावा, चमकीला दलित आवाज का भी प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा, “उनका लोकप्रिय गीत ‘की जोर गरीबूं […]

केरल में आज भी क्यों मौजूद है जातिवादी और नस्लवादी मानसिकता, जानिए

दलित लोक गायिका प्रसीता चालाकुडी कहती हैं, “केरल के समाज में जातिवाद और नस्लवादी मानसिकता मौजूद है और मैंने इसे वर्षों से अनुभव किया है। […]

दलित फिल्म अभिनेता धनुष जो अपनी दमदार एक्टिंग से उठा रहे पीड़ितों-दमितों-दलितों-वंचितों की आवाज

अगर जमीन होगी, तो कोई भी छीन लेगा. पैसा होगा, कोई भी लूट लेगा.. लेकिन अगर पढ़ा-लिखा होगा, तो कोई भी तुझसे कुछ नहीं छीन […]