तेलंगाना के भुवनगिरी में 2 दलित छात्राओं की हाॅस्टल में संदिग्ध मौत, शरीर पर चोट के निशान–परिवार ने हाॅस्टल वार्डन पर लगाये गंभीर आरोप

Share News:

परिजनों का आरोप है कि हमारी बच्चियों को प्रताड़ित करने के बाद वार्डन और उनके साथियों ने मौत के घाट उतारा और हाॅस्टल प्रबंधन द्वारा इसे आत्महत्या करार देने के लिए फर्जी आत्महत्या नोट तैयार कर उनकी लाशों को फांसी के फंदे पर लटका दिया…

Bhuvanagiri News : तमिलनाडु के भुवनगिरी में 2 दलित छात्राओं कोडी भाव्या और गाडे वैष्णवी की लाश संदिग्ध हालत में फांसी के फंदे पर हाॅस्टल के कमरे से बरामद की गयी। परिजनों का आरोप है कि हाॅस्टल वार्डन और उसके प्रेमी को इन छात्राओं ने संदिग्ध हालत में देख लिया था, जिसके बाद इन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। दोनों की उम्र 15 साल के तकरीबन है और दोनों 10वीं की छात्रा होने के अलावा अच्छी सहेलियां भी थीं। दोनों छात्राओं के शव पर चोट के निशान थे हॉस्टल वार्डन और अन्य लोगों द्वारा उन्हें लगातार उत्पीड़ित करने के आरोप परिजनों द्वारा लगाये जा रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में हाॅस्टल वार्डन समेत 5 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। पुलिस के अनुमान है कि शनिवार 3 फरवरी को दोनों छात्राओं की मौत हुई होगी।

न्यूजटैप में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भुवनगिरी में दलित छात्रावास की दो लड़कियों की मौत के बाद उनके शव पर काटने के निशान और चोटें पायी गयी थी। पुलिस ने वार्डन शैलजा समेत पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इनमें कथित तौर पर हाॅस्टल वार्डन का प्रेमी ऑटोरिक्शा चालक अंजनेयुलु, छात्रावास की रसोइया सुजाता और सुलोचना, पीटी शिक्षिका प्रतिभा और ट्यूशन शिक्षिका भुवनेश्वरी के खिलाफ सीआरपीसी 174 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

परिजनों का आरोप है कि दोनों लड़कियों की मौत के बाद हाॅस्टल प्रबंधन द्वारा इसे आत्महत्या करार देने के लिए फर्जी आत्महत्या नोट तैयार किया और उनकी लाशों को फांसी के फंदे पर लटका दिया। हम लोगों को भी प्रबंधन लगातार यह समझाने की कोशिश करता रहा कि यह हत्या नहीं आत्महत्या है, मगर छात्राओं के शरीर पर मौजूद चोटों के निशानों ने असली कहानी सामने लाकर रख दी। मौत के बाद हालांकि हाॅस्टल प्रबंधन ने पुलिस और परिजनों के सामने एक सुसाइड नोट भी बरामद होना बताया, मगर परिजनों ने उस पर कोई विश्वास नहीं किया। दलित छात्राओं की मौत का मामला सामने आने के बाद एससी कल्याण हाॅस्टल और कुछ अन्य छात्र संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए छात्रावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

लड़कियों के परिजनों ने आरोप लगाया कि वार्डन और उसके प्रेमी ऑटो चालक ने लड़कियों की हत्या कर दी, क्योंकि उन्होंने उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में देखा था। उन्होंने कथित तौर पर लड़कियों द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को कूड़ेदान में फेंक दिया, जिसमें वार्डन को दोषमुक्त करने और उनकी बात सुनने वाली एकमात्र महिला के रूप में उनकी प्रशंसा की गई थी। परिजनों का आरोप है कि सुसाइड नोट की लिखावट हमारी बच्चियों की हैंडराइटिंग से मैच नहीं करती।

पुलिस ने परिजनों के आरोपों और छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जब सख्ती से पूछताछ की तो इस मौत मामले में महिला वार्डन शैलजा और ऑटोरिक्शा चालक की भूमिका संदिग्ध नजर आयी। ट्यूशन टीचर जिसके पास दोनों लड़कियों को शुक्रवार 2 फरवरी की शाम को पढ़ने जाना था, दो रसोइये जिन्होंने वार्डन की मदद की होगी, और अन्य जो लड़कियों को शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया। अभी बच्चियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आनी बाकी है, जिसमें मौत की असली वजह सामने आयेगी।

मीडिया से हुई बातचीत में भुवनगिरी के डीसीपी एम राजेश चंद्रा कहते हैं, पुलिस मामले की जांच संदिग्ध मौतों के रूप में कर रही है, और पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में लड़कियों पर किसी भी बल प्रयोग या बलात्कार की पुष्टि नहीं होती है। विसरा और फोरेंसिक रिपोर्ट का भी विश्लेषण करने की जरूरत है। शरीर पर कई निशान नजर आ रहे हैं। मां-बाप द्वारा तुरंत मामला दर्ज नहीं कराया। इस मामले में संदिग्ध लोगों पूछताछ की जा रही है।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *