औरेया में दलित छात्र की मौत पर बवाल, क्या है पूरी घटना

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इसी महिने 7 सितंबर को यूपी के औरेया में एक घटना घटी थी. घटना ये थी कि औरैया के आदर्श इंटर कॉलेज में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक दलित छात्र निखिल को उसके टीचर ने लात-घूंसो और डंडो से इस हद तक पीटा कि 18 दिन तक इलाज चलने के बाद सैफई के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

भीम आर्मी का प्रदर्शन हुआ हिंसक:

दलित छात्र निखिल की मौत के बाद से ही उसे न्याय दिलाने और आरोपी टीचर की गिरफ्तारी की मांग तेज़ हो गई. इसी सिलसिले में 26 सितंबर को भीम आर्मी की तरफ़ से प्रदर्शन का ऐलान किया गया था. लेकिन ये प्रदर्शन हिंसक हो गया. सोमवार की रात औरैया में हंगामा इस कदर बरपा कि निखिल की मौत से गुस्साएं लोगो ने पुलिस की गाड़ियाँ फूंक डाली. पुलिस वालों पर पथराव किया गया. बता दें कि इस मौके पर कानपुर के आईजी और एडीजी भी मौजूद थे. हालांकि 10 घंटों तक चले इस बवाल के बाद मंगलवार सुबह निखिल का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

फिलहाल SP चारू निगम ने जो जानाकरी दी है उसके मुताबिक हिंसा भड़काने और  उपद्रव में शामिल करीब ढाई सौ अज्ञात लोगो पर मुकदमा दर्ज किया गया है वहीं 35 नामज़द किए गए हैं. लेकिन सवाल ये कि निखिल ने ऐसी कौन सी गलती कर दि थी कि उसके शिक्षक अश्विनी सिंह ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा?

क्लास टेस्ट में की थी माइनर सी गलती:

निखिल के पिता राजू दोहरे के मुताबिक 7 सितंबर को अश्विनी सिंह ने क्लास में एक टेस्ट लिया था. जिसमें निखिल ने सामिजिक विज्ञान को समाजक विज्ञान लिख दिया था और एक कॉलम की जगह गलती से दो कॉलम को ब्लैक कर दिया था. जिसके बाद अश्विनी सिंह को गुस्सा आ गया औऱ उसने निखिल को लात- घूंसों के साथ साथ डंडो से पिटा…

दूसरे छात्रों के साथ भी किया यही सलूक:

फिलहाल आरोपी शिक्षक अश्विनी सिंह गायब है. वही आदर्श इंटर कॉलेज जहाँ यह घटना हुई थी वो भी बंद है. निखिल के क्लास में पढ़ने वाले दूसरे छात्रों ने भी अपनी आपबीती सुनाई है. उनका कहना है कि उस दिन उनके शिक्षक यानी अश्विनी सिंह काफी गुस्से में था. उसने दूसरे बच्चो को भी लात घूंसों से पीटा था. उस दिन के बाद से वह स्कूल नहीं गए और अपने घर में भी किसी को कुछ नहीं बताया.

दलितों पर बढ़ रहा है अत्याचार:  

ऐसा ही एक मामला राजस्थान के इंद्र मेघवाल का सामने आया था जिसे शायद ही कोई भूला हो. उस 8 साल के बच्चे को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने प्साय लगने पर तथाकथित उच्च जाति के लिए रखे गए मटके से पानी पीने का गुनाह किया था.

वहीं सोनिया जो यूपी के गोण्डा में रहती है और पिछले तीन महिनों से सिर्फ इसलिए स्कूल नहीं जा पाई क्योंकि उसकी टीचर का कहना है कि वो किसी निचली जाति के बच्चे को नहीं पढ़ाएगी…. ऐसी घटनाओं से एक बात शिशे की तरह साफ़ होती है कि चाहे राजस्थान हो या यूपी या देश देश का कोई और राज्य सभी जगह दलितों के साथ अत्याचार के मामलों में दिन दोगुना और रात चौगुना वाला इज़ाफा हो रहा है

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