रणवीर सिंह की ’83’ में आरक्षण का बना मज़ाक, सोशल मिडिया पर हुई कड़ी आलोचना

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कबीर खान के निर्देशन में बनी रणवीर सिंह स्टारर स्पोर्ट्स फिल्म ’83’ की सोशल मिडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है, फिल्म ’83’ का एक सीन इंटरनेट पर वायरल हो रहा हैं जिसमे कपिल देव का किरदार निभा रहे रणवीर सिंह, श्रीकांत बने अपने साथी कलाकार से क्रिकेट मैच को लेकर बातचीत कर रहे हैं उसी दौरान एक डायलॉग आता है जिसमे श्रीकांत की किरदार निभा रहे कलाकार के ये बोलते हुए साफ सुना जा सकता है कि सेमीफाइनल तक महनत से पहुंचे हैं आरक्षण से नहीं। श्रीकान्त बना कलाकार कपिल देव (रणवीर) से कहता है कि “हमलोग सेमीफाइनल तक किसी कोटा से नहीं पहुंचे हैं, मेहनत से पहुंचे हैं”। बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह की नई फिल्म ’83’ का यह डायलॉग सीधे सीधे आरक्षण पर तंज है जिसकी वजह से अब ये फिल्म विवादों मे घिरती नज़र आ रही है। लोगों का कहना है कि रणवीर की मूवी का ये डायलॉग गलत है, और इससे जातिवाद की बू आती है।

आपको बता दे कि फिल्म 83- क्रिक्रेट जगत में भारत के पहले वर्ल्डकप की जीत पर आधारित है, 1983 में भारत ने लगातार दो विश्वकप जीतने वाली वेस्टइंडीज की टीम को हराकर ये खिताब जीता था.। रणवीर सिंह ने इसमें भारत के पूर्व कप्तान और आलराउंडर कपिल देव का किरदार निभाया है साथ ही ही फिल्म में दीपिका पादुकोण, पंकज त्रिपाठी, एम्मी विर्क, बोमन ईरानी आदि कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं.

सोशल मीडिया पर फिल्म ’83’ के आरक्षण संबंधी डायलॉग को लेकर कड़ी आपत्ति जताई जा रही है। दिलीप मंडल जी, इण्डिया टुडे हिंदी पत्रिका के पूर्व मेनेजिंग एडिटर ट्विटर पर लिखते है कि फिल्म ’83’ में डायलॉग ‘सेमीफाइनल तक किसी कोटा से नहीं पहुंचे हैं, मेहनत से पहुंचे हैं’ की जगह “किसी मंदिर के पुजारी की तरह भीख में मिली दक्षिणा पर पलकर नहीं आए हैं हम लोग!” हो सकता था।

फिल्म ’83’ को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए ‘द शुद्रा’ एडिटर सुमित चौहान ट्वीटर पर लिखते हैं कि “शर्मनाक! हालांकि ’83’ फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हो गई है लेकिन अब हमारे पास इस जातिवादी कंटेंट को न देखने का एक और कारण है।”

 

सोशल एक्टिविस्ट सूरज कुमार बौद्ध ने ट्विटर पर लिखा- ”ये है 83 फिल्म का डायलॉग। कोटा पर अपमानजनक टिप्पणी करना जातिवादी सेलेब्स का बहुत सस्ता व्यंग्य है। पूरी टीम को खुद पर शर्म आनी चाहिए। क्या यह आपकी मेरिट है?”

गौरतलब है कि हाल ही में कमल हासन द्वारा जातिवाद पर एक बयान दिया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, फिल्म इंडस्ट्री में जाति या धर्म को लेकर किसी तरह का भेदभाव नहीं है जिसके जवाब में तमिल इंडस्ट्री के जाने-माने निर्देशक पीए रंजीत की प्रतिक्रिया आई थी जिसमे उन्होंने कहा था कि वे फिल्म इंडस्ट्री में जाति- धर्म को लेकर होने वाले भेदभाव को महसूस करते हैं. ये कोई पहली बार नहीं है कि किसी फिल्म में इस तरह के डायलॉग का इस्तेमाल किया गया हो या फिल्म इंडस्ट्री के किसी सदस्य ने खुलकर इंडस्ट्री में पनप रहे जातिवाद पर टिप्पणी की हो।

 

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