राजस्थान : दलित दूल्हे को घोड़ी चढ़ने से रोका, रास्ते को किया पत्थरों से जाम, पुलिस की मौजूदगी में निकली बारात

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ये BJP नेत्री वसुंधरा राजे का गढ़ है और आज़ादी के 75 सालों में यहां कोई दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं बैठा, यह पहली बार हुआ जब पुलिस की सख्त तैनाती के बीच दलित दूल्हा ओर दुल्हन दोनों की घोड़ी पर बैठकर बिनौली निकली गयी…

Dalit live matter : राजस्थान में लगातार दलितों की स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है। राजस्थान जो क्षेत्रफल के अनुसार भारत का सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ दलितों की 17 फीसदी आबादी रहती है।  और 2023 मैं यहां हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के दलित उत्पीड़न को खत्म करने के बड़े बड़े वादों किए गए थे। लेकिन भजनलाल सरकार में भी दलितों की हालत दयनीय बनी हुई है। हाल ही मैं राजस्थान से जाति के आधार पर दलितों से भेदभाव का दो मामले सामने आए हैं। राजस्थान के  दो अलग अलग इलाकों टोंक और झालावाड़ में दलित दूल्हे को जातिवादी मानसिकता रखने वालों ने घोड़ी पर बैठने से मना किया था, जिसके बाद पुलिस की सहायत से दलित दूल्हे की बिनौली घोड़ी पर निकाली गई।

घोड़ी पर बारात निकाली तो जान से मार देंगे 

जानकारी के मुताबिक सोमवार 22 अप्रैल को राजाथान के टोंक में के दुनी थाना क्षेत्र के ढिगारिया गांव में दलित टीचर की बारात निकलनी थी। लेकिन जातिवादी लोगों को यह बात आज़म नहीं है। जिस रास्ते से बारात जानी थी वहां उन्होंने पत्थर और टूटा खंबा डाल कर रास्ता रोक दिया। इतना ही नहीं दलित दूल्हे और बारातियों को धमकी भी दी गयी कि अगर बिनौली निकली जान से मार दिए जाओगे। धमकी कब बाद दलित परिवार ने देवली SDM से जान माल की सुरक्षा और बिनौली निकालने के लिए गुहार लगाई। बताते चलें कि दलित दूल्हा शुभम जोनवाल और उनकी दुल्हन दोनों ही टीचर है।

 कार्यवाही होनी चाहिए

दलित परिवार की गुहार के बाद देवली उनियारा विधायक और कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी हरीश चंद्र मीना ने इस पर उचित कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को कहा है। इसकी सूचना मिलने के बाद दूनी थाना प्रभारी मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया है। फिर रास्ता खोला। उसके बाद मंगलवार शाम को गांजे बाजे के साथ पुलिस सुरक्षा में दूल्हे की बिन्दोरी निकाली गई तो वहीं मामले पर भीम सेना के जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने कहा, इस तरह की हरकत सामाजिक सदभाव के लिए ठीक नहीं है। बदमाशों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

झालावाड़ के इस गांव में पहली बार घोड़ी पर बैठा दलित दूल्हा

वहीं दूसरी तरफ एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर की गई, जो ग्राम बावड़ीखेड़ा तहसील झालरापाटन, झालावाड़ की है। इस वीडियो को शेयर करने वाले के मुताबिक ये BJP नेत्री वसुंधरा राजे का गढ़ है और आज़ादी के 75 सालों में यहां कोई दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं बैठा। यह पहली बार हुआ जब पुलिस की सख्त तैनाती के बीच दलित दूल्हा ओर दुल्हन दोनों की घोड़ी पर बैठकर बिनौली निकली गयी। ये दोनों घटना बताती है कि राजस्थान में दलित समाज को आज भी जाति के अधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है। अपनी शादी तक में दलित दूल्हे तथाकथित ऊंची जाति के लोगो से पूछ कर घोड़ी पर बैठेंगे और उन्होंने मनाही की तो दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं बैठेगा, क्योंकि ऊंची जाति का दंभ भरने वाली मानसिकता के लोगो को ये हज़म नहीं होता कि दलित घोड़ी पर बैठे और धूम धाम से अपनी बारात निकाले।

 

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