हरदोई में दलित युवक की सरेआम पिटाई का वीडियो वायरल होने पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं, जो पहले इसे “कहासुनी” बताकर दबाने की कोशिश कर रही थी।
UP News : हरदोई जिले के टड़ियावां थाना क्षेत्र में एक दलित युवक की सरेआम पिटाई का मामला सामने आया है, जिससे पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। पीड़ित युवक वेदप्रकाश, जो बघौली के अहमदपुर का निवासी है, अपने रिश्तेदारों से मिलने टड़ियावां आया था। इसी दौरान कुछ दबंगों ने उसे सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर बेरहमी से पीटा। हमलावरों ने न केवल उस पर गाली-गलौज की, बल्कि बेल्ट से पिटाई करते हुए उसके 20,000 रुपये भी छीन लिए। घटना के बाद पुलिस ने इसे केवल कहासुनी का मामला बताकर दबाने की कोशिश की, लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने पर मामले की सच्चाई सामने आ गई।
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पुलिस का बयान हुआ झूठा साबित: वायरल वीडियो में दिखी बेरहम पिटाई
जब यह मामला पुलिस तक पहुंचा, तो उन्होंने इसे मामूली कहासुनी कहकर नजरअंदाज कर दिया। पुलिस का दावा था कि घटना में मारपीट नहीं हुई, लेकिन वायरल वीडियो में युवक को सड़क पर बेरहमी से पिटते हुए देखा गया। वीडियो में साफ नजर आता है कि वेदप्रकाश को बेल्ट और घूंसों से लगातार मारा जा रहा है, जबकि वह मदद के लिए चिल्ला रहा था। इस वीडियो ने पुलिस के पहले के बयान को झूठा साबित कर दिया और सवाल उठने लगे कि आखिर पुलिस ने क्यों इस मामले को दबाने की कोशिश की।
शराब ठेके के पास की घटना, पीड़ित के पास से लूटे 20,000 रुपये
घटना का स्थल टड़ियावां के शराब ठेके के पास बताया जा रहा है। पीड़ित वेदप्रकाश का कहना है कि जब वह रिश्तेदारों से मिलने आया था, तभी दबंगों ने उसे शराब ठेके के पास घेर लिया। उन्होंने न केवल उस पर गंदी भाषा में गालियां दीं, बल्कि उसके पास से 20,000 रुपये छीन लिए। जब वेदप्रकाश को बचाने के लिए कोटेदार और अन्य लोग आए, तो आरोपियों ने उन्हें भी मारा-पीटा। इससे पूरे इलाके में आक्रोश का माहौल फैल गया और स्थानीय लोग पुलिस के खिलाफ विरोध में उतर आए।
न्याय की गुहार पर पुलिस ने युवक को ही बताया शराबी
पीड़ित वेदप्रकाश ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और न्याय की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेने के बजाय उसे ही शराबी करार दे दिया। पुलिस का रवैया ऐसा था मानो वेदप्रकाश ही इस घटना का जिम्मेदार हो। पुलिस ने उसकी शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया और मामले को नजरअंदाज करने का प्रयास किया। लेकिन जब वीडियो वायरल हुआ, तब पुलिस ने मीडिया के दबाव में आकर मामले की जांच की बात कही और कार्रवाई का भरोसा दिया।
दलित अत्याचार का मामला, निष्पक्ष जांच की मांग
यह घटना सिर्फ एक दलित युवक पर अत्याचार को ही नहीं, बल्कि पुलिस की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। दलित समुदाय के लोगों ने इस घटना के बाद न्याय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पुलिस द्वारा इस तरह की घटनाओं को दबाया नहीं जाना चाहिए। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाती है, तो शायद भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है।
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समाज में दलितों की सुरक्षा पर उठे सवाल, जल्द कार्रवाई की मांग
इस घटना ने दलित समुदाय में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देती हैं और प्रशासन द्वारा ऐसी घटनाओं पर ठोस कार्रवाई न करना दलितों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। समाज के लोग अब पुलिस से सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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